Breaking News

सनातन बोर्ड पर संतों में दो फाड़, धर्म संसद से अखाड़ा परिषद ने किया किनारा

प्रयागराज:  संगम की रेती पर सनातन बोर्ड के गठन के सवाल पर साधु-संत दो फाड़ हो गए हैं। महाकुंभ में धर्म संसद बुलाने का आह्वान करने वाले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने सोमवार को ऐन वक्त पर इससे किनारा कर लिया। इस धर्म संसद में सभी 13 अखाड़ों के श्रीमहंत, महामंडलेश्वर और पीठाधीश्वर शामिल नहीं हुए। इससे सनातन बोर्ड के गठन को लेकर साधु-संतों की एकजुटता को तगड़ा झटका लगा है। अब अखाड़ा परिषद का कहना है कि सनातन बोर्ड से जरूरी वक्फ बोर्ड को भंग करना है।

सबसे पहले वक्फ बोर्ड को भंग करने के लिए परिषद की ओर से अभियान चलाया जाएगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि के शिविर में धर्म संसद बुलाई थी। इसके लिए भव्य पंडाल का भी निर्माण कराया गया, लेकिन सोमवार को अखाड़े में धर्म संसद नहीं हुई। अलबत्ता सेक्टर 17 में भागवत कथा व्याख्याता देवकीनंदन ठाकुर की ओर से बुलाई गई धर्म संसद में भी वह नहीं पहुंचे।

धर्म संसद से किनारा करने के सवाल पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का कहना था कि सनातन बोर्ड के गठन से ज्यादा जरूरी वक्फ बोर्ड को खत्म करना है। जब तक वक्फ बोर्ड समाप्त नहीं होता, तब तक सनातन बोर्ड के गठन से कोई फायदा नहीं मिल सकता। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के मुताबिक वक्फ बोर्ड समाप्त करने के लिए सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर व्यापक रूपरेखा बनाई जाएगी।

इसके लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को पत्र भेजा जाएगा। धर्मसंसद में हिस्सा न ले पाने के पीछे उन्होंने स्थान परिवर्तन को भी बड़ा कारण बताया। उनका कहना था कि पहले अखाड़े में ही धर्म संसद प्रस्तावित थी, लेकिन कुछ लोग इसे खींचकर सेक्टर 17 में ले गए। उनका यह भी कहना है कि धर्म संसद के गठन की रूपरेखा पर महाकुंभ की भीड़ और वीआईपी आगमन की वजह से जितना चिंतन-मंथन होना था, नहीं हो सका, इसलिए भी इस आंदोलन का खाका नए सिरे से खींचा जाएगा।

About News Desk (P)

Check Also

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने एस्पायरिंग इंजीनियर्स के लिए पेश किया “आकाश इनविक्टस” द अल्टीमेट जेईई प्रिपरेशन प्रोग्राम

लखनऊ। परीक्षा की तैयारी में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) ने ...