लख़नऊ। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक ट्वीट के जवाब में कहा है कि वह भाजपा की छोड़ अपनी पार्टी की चिंता करें। कोरी बयानबाजी और दिवास्वप्न से जनता का हितैषी बनने का छलावा करने से ही सपा और गर्त में गिरती जा रही है। बुधवार को जारी एक बयान में सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, “योगी सरकार में सफल इन्वेस्टर्स समिट, इसके जरिये आए 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव, 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव वाला डिफेंस कॉरिडोर, पांच एक्सप्रेसवे, हर जिले में मेडिकल कॉलेज, कोविड पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से सराहना प्राप्त प्रभावी नियंत्रण, पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और पूरे प्रदेश में शानदार एयर कनेक्टिविटी, गन्ने और खाद्यान्न के बदले तय समय में रिकॉर्ड भुगतान, प्रदेशवासियों को निर्बाध बिजली, दशकों से लटकी सिंचाई परियोजनाओं का समय से पूरा करना,केंद्र की 44 योजनाओं में यूपी का नम्बर वन होना ये सब आपको (अखिलेश यादव) क्यों नहीं दिखता? आपकी नजर में ये सब प्रदेश की दुर्दशा है तो जनता आपकी बुद्धि की बलिहारी है। कभी अपने गिरेबान में भी झांक लिया करें। आपके शासन काल की तो एक मात्र उपलब्धि अराजकता ही रही है। उसी के नाते जनता ने आपको खारिज कर दिया। चुनाव दर चुनाव खारिज करती आ रही है, आगे भी करेगी। लिहाजा आगामी चुनाव में अपनी और अपने पार्टी की चिंता करें, भाजपा की नहीं।”
- वह जनता से बार-बार खारिज की जा चुकी पार्टी के श्रीहीन अगुआ हैं
सिद्धार्थनाथ ने कहा कि सच सबको पता है। इसे स्वीकार करने का आपमें साहस नही। चुनावों के पहले ही प्रदेश की जनता का मूड-मिजाज आपकी और आपकी पार्टी का भविष्य चीख चीख कर बता रहा है। आप एक श्रीहीन हो चुकी पार्टी के अगुआ हैं। ऐसी पार्टी जो सत्ता में रहते हुए नीतिगत अपंगता की शिकार रही। आने वाले विधानसभा चुनाव में आपकी हार सुनिश्चित है और यह हार इतनी करारी होगी, इसका अंदाजा आपको नहीं है क्योंकि आप मुगालते में रहते हैं, जनता नहीं। अपने कार्यकाल में आपने वह सब कुछ किया जो अनअपेक्षित और गैरजरूरी था। ऊपर से अराजकता ने कोढ़ में खाज का काम किया। जनता की याद बहुत जबर्दस्त है। वह अब आपके छलावे में आने से रही। ख्याली पुलाव पकाते रहिए लेकिन याद रखिए, काठ की हाडी फिर चढ़ने से रही।
मालूम हो कि अखिलेश यादव ने यह ट्वीट किया था, “ये आरोप निराधार है कि ‘माननीय’ सदन में निद्रा में लीन थे। सच तो ये है कि वो इस चिंतन में लीन थे कि उनके समय में प्रदेश की जो दुर्दशा हुई है और उसके कारण जनता में जो असीमित आक्रोश है, उसका सामना कैसे किया जाए और अगले चुनाव में प्रत्याशी कहाँ से लाये जाएं।” इसी पर सरकार के प्रवक्ता ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कब सोते और कब जगते हैं, सबको पता है। उनकी सुबह साढ़े तीन बजे होती है और सोने का कोई समय नहीं होता। इसे अखिलेश यादव भी जानते हैं, पर झूठ बोलना उनकी (सपा मुखिया) आदत में शुमार हो चुका है।