हरिद्वार: दीपावली पर्व पर कोई उल्लू समेत जंगली जानवरों का शिकार न कर ले, इसके लिए वन विभाग की ओर से अलर्ट घोषित कर दिया गया है। कर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर 24 घंटे गश्त की जा रही है। जंगल के सीमावर्ती वाले क्षेत्रों में अधिक चौकसी बरती जा रही है।
हरिद्वार का शहर और देहात का इलाका राजाजी टाइगर रिजर्व और हरिद्वार वन प्रभाग से लगा हुआ है। जिससे जंगल जानवरों का आबादी क्षेत्रों में आना-जाना आता होता रहता है। इससे हरिद्वार में मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका बनी रहती है। हालांकि, इसमें ग्रामीणों के साथ ही जंगली जानवरों को भी खतरा बना रहता है।
उनके शिकार होने का अंदेशा भी बना रहता है। होली-दीपावली पर्व पर जंगली जानवरों का शिकार होने की गुंजाइश ज्यादा बढ़ जाती है। इसमें दीपावली पर उल्लू भी शिकारियों के निशाने पर रहता है। शिकारी जंगल में घुसकर जंगली जानवरों की फिराक में भी रहते हैं। वे जंगली जानवर जैसे, हिरण, खरगोश, सांभर, जंगली मुर्गे आदि का शिकार कर दावत उड़ाने का मौका तलाशते रहते हैं।
दीपावली के त्योहार पर राजाजी टाइगर रिजर्व और वन प्रभाग के जंगलों में अलर्ट की घोषणा की गई है। वनकर्मियों की छुट्टियां अग्रिम आदेशों तक निरस्त कर दी गई हैं, उन्हें विशेष परिस्थितियों में भी अवकाश दिए जाएगा। इतना तक उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए तैनात रहकर ड्यूटी करनी होगी, ताकि दीपावली पर उल्लू आदि जंगली जानवरों का कोई भी शिकार न कर सकें।
जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे की कड़ी गश्त की जा रही है। जंगल की सीमा से गुजरने वाने संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है। उन पर पैनी नजर रखी जा रही है, ताकि जंगली जानवरों को काेई किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंच सके।