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ऑल इण्डिया मीडिया कांफ्रेंस का हुआ आयोजन, मीडियाकर्मियों ने उठाई कई मांग

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मीडिया कांफ्रेंस का दो दिवसीय आयोजन नई दिल्ली में संपन्न हुआ जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आये पत्रकारों ने अपनी उपस्तिथि दर्ज कराकर पत्रकार एकजुटता का सबूत दिया है। इस आयोजन में देश के विभिन्न मीडिया संगठनों ने एक साथ एक बैनर के नीचे आकर देश में पत्रकारों एवं पत्रकारिता जगत के साथ ही लघु एवं मध्यम समाचार पत्र-पत्रिका आदि को बचाने की आवाज उठाई है।

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बताते चलें कि इंडियन फेडरेशन ऑफ़ स्मॉल एंड मीडियम न्यूज़पेपर्स (आईएफएसएमएन) को मदर बॉडी मानते हुए नेशनल मीडिया कंफेडरेशन (एनएमसी), राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (आरपीएम), न्यूज़ मीडिया फेडरेशन (एनएमएफ), साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए), सामाजिक संस्था वी द प्यूपिल (डब्ल्यूटीपी) के साथ ही कई संगठनों की अम्ब्रेला बॉडी इण्डियन कन्फेडरेशन ऑफ़ मीडियाबॉडीज (आइकॉम) के संयुक्त तत्वाधान में सभी संस्थानों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श कर सभी उपरोक्त संगठनों की संस्थापिका वरिष्ठ पत्रकार पुष्पा पांड्या के नेतृत्व में ऑल इंडिया मीडिया कॉन्फ्रेंस (एआईएमसी) का गठन कर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर पबित्रा मोहन सामंतराय को नेशनल चीफ कोऑर्डिनेटर, वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर कमल झुनझुनवाला एवं युवा पत्रकार शीबू खान को संचालन की जिम्मेदारी सौंपते हुए आईएफएसएमएन के चेयरमैन अरुण गोयल, कार्यवाहक अध्यक्ष मंजू सुराणा, कोषाध्यक्ष याई के नारायणपूरकर, संस्थापक सदस्य संजीवी, शिवप्रकाश, बालासाहब आम्बेकर सहित कई अन्य वरिष्ठ व कनिष्ठ लोग मौजूद रहे हैं।

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कार्यक्रम के पहले दिन नई दिल्ली स्थित हौज ख़ास के जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में कार्यक्रम की शुरुआत महर्षि पंडितों द्वार वेदपाठ एवं मंत्रोच्चारण के साथ अतिथियों के कर कमलों से दीप प्रज्जवलित कर शुरू हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्र की स्थिति एवं मीडिया की भूमिका विषयक गोष्ठी को संबोधित करने की क्रम में सर्वप्रथम अतिथि के रूप में उपस्थित हुए पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री भक्त चरण दास ने मंच से देश के पत्रकारों की दशा पर चिंतन करते हुए वर्तमान की पत्रकारिता पर वक्तव्य दिया।

वहीं इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की रानाघाट लोकसभा सीट के सांसद जगन्नाथ सरकार, ओडिशा की बरगढ़ लोकसभा सीट के सांसद प्रदीप पुरोहित के साथ ही डॉक्टर गिरधारी मोहंती (पूर्व महानिदेशक, डीएवीपी (सीबीसी) एवं प्रेस रजिस्ट्रार जनरल, आरएनआई (पीआरजीआई)), अरुण जोशी (सेवानिवृत अपर निदेशक, जनसंपर्क विभाग, राजस्थान सरकार), मैथ्यू नेदुमपुरा (वरिष्ठ अधिवक्ता, बॉम्बे हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडियाा) तथा मुख्य वक्ता के रूप में विवेक शुक्ला (प्रख्यात लेखक, वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार) ने अपनी बात भी रखी।

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कार्यक्रम का कुशल संचालन शीबू खान द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को उपहार देकर विदा किया गया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने वहीं भोजन भी किया। इसी कड़ी में दूसरे दिन कार्यक्रम का आयोजन शास्त्री भवन के निकट प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में आयोजित हुआ जहां मीडिया के समक्ष वर्तमान चुनौतियां एवं अवसर विषयक गोष्ठी पर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के पूर्व सदस्य एवं प्रेस एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष छायाकांत नायक के साथ ही अतिथि के रूप में दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक अशोक गुप्ता, सूचना विभाग के फिल्म डिवीजन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी वारियम मस्त के साथ ही मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर डॉक्टर बीके साहू (विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेन ट्रेड) ने तय विषय के साथ ही पत्रकारिता के अन्य मुद्दों पर भी व्याख्यान किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभिन्न राज्यों से आये पत्रकारों ने भी संबोधित किया। इस दौरान सभी मीडिया लीडर्स का सम्मान भी किया गया तथा उपस्थित सभी पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र भी दिया। समूचे कार्यक्रम में लगातार मीडिया पालिका को संवैधानिक रूप से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भारत के राजपत्र (गजट) पर घोषित किया जाए, देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए, मीडिया आयोग का गठन किया जाए।

देश में तहसील स्तर या उससे भी निचले स्तर (ब्लॉक या पंचायत) स्तर पर पत्रकारों की पहचान करते हुए राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाया जाए. हर जनपद के साथ ही तहसील स्तर तक पत्रकार भवनों का निर्माण कराया जाए, पत्रकार संगठनों को भारतीय चुनाव आयोग की तर्ज पर जिस तरीके से राजनैतिक दलों को चुनाव लडने के लिए 6 माह में वैध कर दिया जाता है तो पत्रकार संगठनों को नोटीफाइड करने में इतने सालों का नियम भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निरस्त कर चुनाव आयोग की नियमावली पर तय करें।

पत्रकारों को मानदेय एवं पेंशन की व्यवस्था की जाए, पत्रकारों को दुर्घटना बीमा के साथ ही हेल्थ बीमा तथा जीवन बीमा की भी व्यवस्था सरकार द्वारा की जाए, पत्रकारों को शासन की योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए, पत्रकारों के परिवार को अच्छी शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए, पत्रकारों पर लगे फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएं, किसान सम्मान निधि की तर्ज पर मीडिया सम्मान निधि चलाई जाए। लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को जिंदा रखने हेतु विज्ञापन नीति में बदलाव किया जाय, लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को लेवी मुक्त करने के साथ ही कागज खरीदी पर जीएसटी खत्म करें, पत्रकारों को भूखंड आदि की व्यवस्था की जाए, हर पत्रकार संगठन को कार्यालय हेतु भूखण्ड उपलब्ध कराएं।

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डिजिटल मीडिया को बढ़ावा दें न कि उसको खत्म किया जाए, पत्रकारों को हर जगह पर वीडियो बनाने और ऑडियो रिकॉर्ड करने का अधिकार दें, मान्यता नीति आसान करें, पत्रकारिता एवं जनसंचार के पासआउट व्यक्तियों को मान्यता देने की प्रक्रिया बेहद आसान कराई जाए, पत्रकार मजदूर नहीं है इसलिए उसे लेबर कोर्ट से हटाया जाए, महिला पत्रकारों को एडवांस सेफ्टी दिया जाए जैसी मांगों को मंच से उठाया गया है।

कार्यक्रम के अंत में मंजू सुराणा एवं शीबू खान के नेतृत्व में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से लेकर शास्त्री भवन तक कैंडल मार्च निकाला गया जिसमें कोरोना काल से लेकर अब तक शहीद हुए पत्रकारों एवं जनमानस की क्षति को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिसके बाद पत्रकार सुरक्षा, मीडिया पालिका एवं डिजिटल मीडिया जैसे कानून की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की गई है। इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों से आए पत्रकारों ने भी हिस्सा लिया।

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