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निवेश करने में केंद्र सरकार समेत सभी राज्य पिछड़े, आचार संहिता लगने से भी बाधित हो सकता है खर्च

चालू वित्त वर्ष का यह अंतिम महीना है। फिर भी कोई भी राज्य अपने बजट अनुमान के निवेश को पूरा नहीं कर पाया है। केंद्र सरकार भी बजट अनुमान का 76 फीसदी हिस्सा यानी 7.2 लाख करोड़ ही निवेश कर पाई है। 27 राज्यों ने केवल 53 फीसदी यानी 4.7 लाख करोड़ रुपये खर्च किया है। इस महीने आचार संहिता लगने से निवेश के बाधित होने की आशंका है।

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र ने चालू वित्त वर्ष में 37 फीसदी खर्च किया है जो पिछले वर्ष के 33 फीसदी से अधिक है। कर्नाटक का खर्च पिछले वित्त वर्ष में 74 फीसदी से घटकर इस वित्त वर्ष में 41 फीसदी पर आ गया है। पश्चिम बंगाल का खर्च 35 से बढ़कर 44 फीसदी और असम का 34 से बढ़कर 51 फीसदी हो गया है।

गुजरात ने पिछले वित्त वर्ष में 57 फीसदी रकम खर्च की थी। इस वित्त वर्ष में 46 फीसदी खर्च किया है। राजस्थान का खर्च 43 फीसदी से बढ़कर 52 फीसदी, झारखंड का 41 से 56 फीसदी और ओडिशा का खर्च 58 फीसदी से घटकर 57 फीसदी रहा है। तमिलनाडु ने 62 फीसदी खर्च किया है। पिछले वित्त वर्ष में यह 53 फीसदी था।

मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा सबसे पीछे
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष यानी अप्रैल से लेकर जनवरी तक सबसे कम खर्च मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा का रहा है जो बजट अनुमान का 30 फीसदी से भी कम है। सबसे ज्यादा खर्च तेलंगाना ने किया है। इसने बजट अनुमान का 90 फीसदी खर्च किया है और उम्मीद है कि इस माह के अंत तक यह रकम 100 फीसदी हो जाएगी।

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