राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि उच्च स्वास्थय सेवाओं का होना जितना आवश्यक है,उससे अधिक स्वास्थय के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है। गाँवों तक स्वास्थय के प्रति जागरूकता का प्रसार करना होगा।
इसके लिए निजी स्वयं सेवी संस्थाओं,महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को जोड़कर गाँव के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचा जा सकता है। आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के सभागार में डा राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के द्वितीय स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि तेरह बेड से प्रारम्भ हुआ लोहिया अस्पताल आज तेरह सौ बेड का आयुर्विज्ञान संस्थान है.यह प्रशंसनीय प्रगति है। लेकिन हमे यह ध्यान देना होगा कि हमारे समाज में स्वस्थ पीढ़ी का विकास हो और अस्पतालों की आवश्यकता कम हो।
राज्यपाल ने सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन की उपलब्धता और टीकाकरण,कैंसर की वैक्सीन की उपलब्धता और टीकाकरण राष्ट्र से क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीवी मरीजों के गोद लेकर पोषण और चिकित्सा सुविधा के लिए सहायता करना, रक्त एवं प्लेटलेट दान पंजीकरण कैम्प लगाने पर भी चर्चा की।
पैरा मेडिकल स्टाफ की शिक्षा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये शिक्षा मातृ भाषा में अधिक उपयोगी सिद्ध होगी। मातृ भाषा में शिक्षा होने से अधिक संख्या में छात्र योग्यता प्राप्त कर रोजगार प्राप्त करके सेवा कार्य कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक मरीज की आशा का केन्द्र होता है। इसीलिए चिकित्सक को भगवान की संज्ञा भी दी गई है। चिकित्सकों को यह प्रयास करना चाहिए कि हमारे देश में स्वस्थ पीढ़ी का विकास हो, स्वस्थ शिशु जन्म लें माताएं और जननी स्वस्थ रहें।
उन्होंने इस दिशा में कार्य करने के लिए चिकित्सकों को प्रेरित करते हुए कहा कि बच्चे को गर्भावस्था से ही स्वस्थ रखने का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस दिशा में वृहद सत्रों का आयोजन करके उसमें ग्रामीण प्रतिनिधियों और स्वास्थ कर्मियों की प्रतिभागिता कराकर उचित पोषण, संस्थागत प्रसव, समय-समय पर जांच, स्तनपान की अनिवार्यता, वृद्ध, महिला-पुरूषों की स्वास्थ सम्बन्धी समस्या के सम्बन्ध में जागरूगता तथा उसके निवारण पर जागरूक किया जा सकता है।