UP सीएम योगी को दलित मित्र अवार्ड देने के लिए अंबेडकर महासभा ने घोषणा की है। लेकिन इसमें भी अब विरोध शुरू हो गया है। पिछले दिनों एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर दलित समुदाय ने नाराजगी जाहिर करते हुए 2 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया गया था। जिसमें कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके बाद सरकार ने अपनी ओर से एक्ट में किसी बदलाव के न करने का ऐलान किया था। जिसके बाद मामला शांत हुआ। यही नहीं यूपी के तीन दलित सांसदों के साथ ही प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी राज्यसभा चुनाव से पहले विरोध छेड़ दिया था। अपनी मांगों को लेकर विरोध में अड़े राजभर ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से अपनी मांगों को सामने रखने के लिए गुहार लगाई थी। बाद में उन्हें मनाने के लिए दिल्ली बुलाया गया। जहां वार्ता के बाद उनका मामला शांत हुआ।
UP, अंबेडकर महासभा सीएम योगी को करेगी सम्मानित
अंबेडकर महासभा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को सम्मानित करने का फैसला लिया है। हालांकि उन्हें सम्मानित करने के मामले पर सभा के ही दो सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया है। अंबेडकर महासभा को 1998 में स्थापित किया गया था। महासभा के दो संस्थापक सदस्य सीएम योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र सम्मान दिए जाने के ऐलान का विरोध कर रहे हैं। जिसमें पूर्व आईजी एसआर दारापुरी सहित दो सदस्यों ने योगी को सम्मान दिए जाने का विरोध करने की धमकी दी है। उन्होंने अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल पर बीजेपी के हाथों में खेलने का आरोप भी लगाया है।
सीएम योगी ने प्रदेश के हर सरकारी दफ्तर में अंबेडकर की तस्वीर लगाने का दिया आदेश
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर हर सरकारी दफ्तर में लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद राज्यपाल राम नाईक की सलाह पर अंबेडकर के नाम में उनके पिता का नाम भी जोड़ दिया गया। अब यूपी के सरकारी रिकॉर्ड में ‘भीमराव रामजी आंबेडकर’ लिखा जाता है। यह दावा है कि इसी नाम से उन्होंने संविधान की कॉपी पर दस्तखत किए थे। अब अंबेडकर महासभा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को ‘दलित मित्र’ से सम्मानित करने का फैसला किया है।