‘…तो मेरी मां आपकी बात पर यकीन न करतीं’
गबार्ड ने पहली बार 3 जनवरी, 2013 को प्रतिनिधि सभा के सदस्य के रूप में हवाई के दूसरे कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए शपथ ली थी। किशोरावस्था में हिंदू धर्म अपनाने वाली गबार्ड अब राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के शक्तिशाली पद के लिए नामित हैं। सुब्रमण्यम ने शपथ ग्रहण के बाद एक बयान में कहा, ‘मेरे माता-पिता ने मुझे वर्जीनिया से पहले भारतीय अमेरिकी और दक्षिण एशियाई कांग्रेसी के रूप में शपथ लेते हुए देखा। अगर आपने मेरी मां को भारत से डलेस एयरपोर्ट पर उतरते समय बताया होता कि उनका बेटा अमेरिका की कांग्रेस में वर्जीनिया का प्रतिनिधित्व करेगा, तो शायद वह आप पर यकीन न करतीं।’
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अमेरिका में अब कुल 4 हिंदू सांसद, 3 बौद्ध भी
बता दें कि सुब्रमण्यम पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के नीति सलाहकार रह चुके हैं। उन्होंने 2019 में पहली बार चुने जाने के बाद से वर्जीनिया जनरल असेंबली में भी काम किया है। बता दें कि अमेरिका की 119वीं कांग्रेस में 4 हिंदू सांसद हैं। अन्य 3 हिंदू सांसद राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और श्री थानेदार हैं। यह आंकड़ा अमेरिका की सियासत में भारतीय अमेरिकियों के बढ़ते दबदबे को दिखाता है। हिंदू और मुसलमान अमेरिकी कांग्रेस में तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह हैं। 461 सदस्यों के साथ ईसाई सबसे बड़ा धार्मिक समूह है, जिसके बाद 32 सदस्यों के साथ यहूदी हैं। अमेरिकी कांग्रेस में 3 बौद्ध सदस्य भी हैं।