खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल की तलाश के तीसरे दिन पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जानकारी के अनुसार, अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने पंजाब पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
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हालांकि अमृतपाल के परिवारवालों और सहयोगियों का दावा है कि उसे गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। पुलिस जानबूझकर ढूंढने का नाटक कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अमृतपाल का चाचा और ड्राइवर दोनों के तार वारिस पंजाब दे नाम के अतिवादी संगठन के साथ जुड़े हुए थे। अमृतपाल इसी संगठन का चीफ है। उसके कहने पर हाल ही में अजनाला थाने में सैंकड़ों समर्थकों ने तलवारों के साथ पुलिस पर हमला बोल दिया था।
इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इतना ही नहीं अमृतपाल गृह मंत्री अमित को इंदिरा गांधी की तरह अंजाम भुगतने की धमकी दे चुका है। बता दें कि एक सभा के दौरान तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षाकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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गृहमंत्री को धमकी और अजनाला थाने में हुई घटना के बाद केंद्रीय एजेंसियां लगातार अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस पर दबाव बना रही थी। 2 मार्च को अमित शाह और पंजाब सीएम भगवंत मान के बीच मुलाकात भी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने मान को राज्य में पनप रही अलगावादी ताकतों को जड़ से उखाड़ने की बात कही थी।
भिंडरेवाला की तरह प्राइवेट आर्मी बनाने वाले खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के प्रयास का आज तीसरा दिन है। पूरे पंजाब में हाई अलर्ट है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस सघन चेकिंग अभियान चला रही है। इंटरनेट और एमएमएस सेवाएं भी बाधित की गई हैं। हालांकि पंजाब पुलिस अमृतपाल के 112 साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तारी के प्रयास के तीसरे दिन सवेरे पुलिस को एक और सफलता हाथ तब लगी, जब अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।