• उत्सव का सा है पूरे प्रदेश का माहौल, भगवान राम से बडा है उनका नाम
लखनऊ। राज्यसभा सांसद व पूर्व उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश डा दिनेश शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राम लहर चल रही है। करीब 550 वर्ष के बाद राम लला अपने जन्मस्थान पर विराजमान होने जा रहे हैं और पूरे प्रदेश में उत्सव का सा माहौल है। उन्होंने कहा कि भगवान राम से उनका नाम बडा है। राम का नाम जहां पर भी होगा वहां के सारे कार्य अपने आप ही हो जाएंगे। भगवान राम की सभा में गुरु वशिष्ठ के अपमान का दृष्टान्त सुनाते हुए उन्होंने कहा कि गुरु वशिष्ठ के सभा में आने पर सभी लोग उनके सम्मान में खडे हो गए पर बजरंग बली प्रभु राम का नाम लेने में इतना खोए थे कि गुरुवर के आने का उन्हे पता ही नहीं चला।
इस बात से नाराज गुरु वशिष्ठ ने भगवान राम से बजरंग बली को मृत्यु दंड देने की मांग की जिसे प्रभु राम ने स्वीकार कर लिया। अगले दिन जब दंड देने का समय आया तो उस समय राम ने बजरंग बली पर कई तीर छोडे किन्तु बजरंग बली राम नाम का जाप कर रहे थे इसलिए कोई तीर उन्हे नहीं लगा। इस पर गुरु वशिष्ठ ने राम से कहा कि वे अपने वचन का अपमान कर रहे हैं जिस पर भगवान राम ने बताया कि भगवान शंकर ने माता अंजनी को आशीर्वाद दिया था कि इस दुनिया में राम का नाम सबसे बडा होगा। बजरंग बली राम नाम का जाप कर रहे हैं इसलिए मेरे बाण उन्हें आघात नहीं पहुचा रहे हैं।
अवधनगरी लखनऊ को साहित्य संगीत और कला की नगरी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह अनोखा शहर है। इतिहासकार योगेश प्रवीन , तो समाज सेविका लीला रामकुमार संगीतकार नौशाद शिक्षाविद कंचललाल व स्वरूप रानी बख्शी आदि ने लखनऊ का नाम रोशन किया है। लच्छू महाराज और बिरजू महाराज की थाप यहां पर गूंजी है।
एक अन्य कार्यक्रम में पुस्तक गीता भावामृत का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि यह पाठकों को गीता के सार तक सरल भाषा में पहुचाने का प्रयास है। आने वाले समय में आदित्य द्विवेदी की पुस्तक लोगों की जुबान पर होगी। गीता का जितना अध्ययन किया जाएगा उतने ही अर्थ सामने आ जाएंगे। उनका कहना था कि सरल भाषा के प्रयोग से संदेश को जन जन तक पहुचाना आसान होता है। रामायण और रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बाल्मीकि रामायण संसार का बेहतरीन ग्रन्थ है पर रामचरित मानस की चौपाई हर घर में गुनगुनाई जाती है।
परान्तु बजरंग बली श्री राम नाम का जाप कर रहे थे इसलिए कोई तीर उन्हे नहीं लगा। इस पर गुरु वशिष्ठ ने प्रभुराम से कहा कि वे अपने वचन का अपमान कर रहे हैं जिस पर भगवान राम ने बताया कि भगवान शंकर ने माता अंजनी को आशीर्वाद दिया था कि इस दुनिया में राम का नाम सबसे बडा होगा। बजरंग बली राम नाम का जाप कर रहे हैं इसलिए मेरे बाण उन्हें आघात नहीं पहुचा रहे हैं। इसलिए तब से कहा जाता है राम से बड़ा राम का नाम और आज राम का नाम पूरे भारतवर्ष में उत्सव का माहौल बना रहा है।
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अवधनगरी लखनऊ को साहित्य संगीत और कला की नगरी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह अनोखा शहर है। इतिहासकार योगेश प्रवीन, तो समाज सेविका लीला रामकुमार, संगीतकार नौशाद, शिक्षाविद कंचन लता सभरवाल व स्वरूप रानी बख्शी आदि ने लखनऊ का नाम रोशन किया है। लच्छू महाराज और बिरजू महाराज की थाप यहां पर गूंजी है।
रामलीला समिति ऐशबाग प्रांगण में एक अन्य कार्यक्रम में आदित्य द्विवेदी द्वारा लिखित पुस्तक “गीता भावामृत” का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि यह पाठकों को गीता के सार तक सरल भाषा में पहुचाने का प्रयास है। आने वाले समय में आदित्य द्विवेदी की पुस्तक लोगों की जुबान पर होगी। गीता का जितना अध्ययन किया जाएगा उतने ही अर्थ सामने आ जाएंगे। उनका कहना था कि सरल भाषा के प्रयोग से संदेश को जन जन तक पहुचाना आसान होता है।
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रामायण और रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बाल्मीकि रामायण संसार का बेहतरीन ग्रन्थ है पर रामचरित मानस की चौपाई हर घर में गुनगुनाई जाती है। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज सिंह, विधायक नीरज बोरा प्रसिद्ध साहित्यकार डॉक्टर सूर्य प्रसाद दीक्षित, दिनेश अवस्थी, प्रसिद्ध व्यंग्यकार सर्वेश अस्थाना, हरिश्चंद्र अग्रवाल एवं पुस्तक के लेखक आदित्य द्विवेदी उपस्थित थे।