नई दिल्ली। ईरान में काफी अरसे से फंसे पांच भारतीय युवाओं को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की गयी है जो अमानवीय परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं और उन्हें किसी प्रकार की कानूनी मदद नहीं मिल रही है।
विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए काम करने वाले संगठन इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार लगायी है ताकि अपने नियोक्ताओं द्वारा झूठे आरोपों में कैद एवं यातनाएं झेल रहे इन युवाओं को शीघ्रातिशीघ्र स्वदेश लाया जा सके।
ये नौजवान एक वाणिज्यिक पोत परिवहन कंपनी में काम करते थे। अनिकेत येनपुर, मंदार वर्लीकर, नवीन सिंह, प्रणव कुमार और तमिझसेल्वन रंगासामी को उनके जहाज आर्टिन 10 के साथ हरमोज़ की खाड़ी में पिछले साल 20 फरवरी को ईरानी सुरक्षा बलों ने पकड़ा था और उन्हें नशीले पदार्थों की तस्करी की आपराधिक साजिश के संदेह में गिरफ्तार किया था। ये लोग चाबहार केन्द्रीय कारागार में 403 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे और उन पर कोई आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया गया।
श्री सिंह ने कहा कि आठ मार्च 2021 को चाबहार में एक स्थानीय अदालत ने अपने फैसले में इन्हें निर्दोष बताते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था। उन्हें अगले दिन रिहा कर दिया गया लेकिन वे सड़कों पर भटक रहे हैं। क्योंकि उनके पासपोर्ट एवं पहचान पत्र नहीं लौटाये गये हैं। स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें देश नहीं छोड़ने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग निम्न मध्यम परिवारों से आते हैं और उन्हें न केवल नियोक्ताओं ने ठगा है बल्कि उन्हें न्याय तक नहीं मिल सका है जिससे वे बेहद बेबसी का जीवन जीने को मजबूर हैं। इंडियन वर्ल्ड फोरम ने प्रधानमंत्री से इन युवाओ को तत्काल स्वदेश लाने का आग्रह करते हुए कहा है कि इस मामले को ईरानी उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाना चाहिए तथा उनके नियोक्ताओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।