वाराणसी का एक युवा उद्यमी जो जीआई और ओडीओपी उत्पादों को ऑनलाइन बेचते है। इसके साथ ही उनको एक अनोखा ऑफर भी देते है। ये ऑफर डिस्काउंट या उपहार नहीं होता। बल्कि ये ऑफर ऑक्सीजन बैंक के रूप में पर्यावरण संरक्षण का उपहार होता है। ये उद्यमी ग्राहक के और अपने व्यक्तिगत लाभ के बजाए समाज व पर्यावरण की रक्षा के लिए अभियान चला रहे है। योगी सरकार ने जीआई और ओडीओपी उत्पादों को बढ़ावा देने व शिल्पियों के मदद के लिए कई तरह की योजनाए चला रही है। जिससे सैकड़ो साल पुरानी ये कला जीवित रहे है और इस उद्योग से जुड़े लोगों को आजीविका सुगमता से चलती रहे।
“वन है तो कल है” के मूल मंत्र को अपनाते हुए यूपी के सीएम आदित्यनाथ के वन महोत्सव अभियान को आगे बढ़ाते हुए। वाराणसी के एक युवा उद्यमी प्रतीक बी. सिंह ने सरकार के प्रयासों को पंख लगा दिया है। प्रतीक अपने ऑनलाइन स्टोर http://shoppingkart24.com से ग्राहकों को डिस्काउंट के लुभावने ऑफर की जग़ह जीआई और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के उत्पाद खरीदने वालों के नाम से पौधे लगा रहे है। प्रतीक बी सिंह कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित हुए और ऑक्सीजन की क़िल्लत का ख़ुद सामना किए तो वृक्षारोपण का अनोखा आईडिया अपनाया और हरियाली फॉउंडेशन के साथ मिल कर अभी तक क़रीब 200 से अधिक पौधे लगा चुके है।
- ग्राहक के नाम से लगा रहे अधिक ऑक्सीजन देने वाले पौधे, इससे पर्यावरण संरक्षण को मिलेगी मदद।
- विदेशी ग्राहक ने भी अपने नाम से पौधे लगाने की जाहिर की इच्छा।
- जीआई व ओडीओपी उत्पादों को बढ़ावा देने लिए सरकार शिल्पियों की कर रही है मदद।
हर पेड़ पर एक टैग लगाया जाता है जिस पर ग्राहक का नाम होता है और फिर उस ग्राहक को लोकेशन के साथ जानकारी भेजी जाती है। प्रतीक बी सिंह ने बताया कि विदेशी ग्राहक भी भारत में पौधे लगाना चाहते है। कनाडा के सिआन लेस ,अमेरिका के तेजस्वी सीकोलु ,कार्ला तिलघमन ,मधुकर कुर्मापु ,फ्रांस के बाररिसत और मलेशिया के ग्राहकों ने भी पौधे लगाने की इच्छा जाहिर की है। कोरोना संक्रमण में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए ज़्यादातर लोग अधिक ऑक्सीजन देने वाले पौधों को लगाने की इच्छा जाहिर कर रहे है। वहीं कुछ लोग मेडिसिनल प्लांट ,नवग्रह के पौधे व ज्योतिष आधार पर अपने राशि के अनुसार पौधे लगाने के लिए बोल रहे है।
प्रतिक अपने ऑनलाइन स्टोर से सिर्फ़ जीआई (जीआइ टैग का इस्तेमाल ऐसे उत्पादों के लिये किया जाता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है। इन उत्पादों की विशेषता और प्रतिष्ठा भी इसी मूल क्षेत्र के कारण होती है। इस तरह का संबोधन उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन इसमें निहित होता है।) और ओडीओपी उत्पादों को ही बेचते है। इन उत्पादों को बढ़ावा देने लिए सरकार शिल्पियों की मदद भी कर रही है। जीआई उत्पाद कि ख़ास बात ये भी होती ये सभी उत्पाद हैंडलूम व हेंडीक्राफ्ट उत्पाद होते है।