राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल समाज जीवन में अनेक अभिनव सुझाव देती है। विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में स्कूल के बच्चों को आमंत्रित करने की शुरुआत उन्होंने की थी। इसके अलावा वह गर्भवती माताओं शिशुओं व छोटे बच्चों के स्वास्थ्य व सुपोषण पर भी विशेष ध्यान देती है। अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से वह इसके लिए लोगों को जागरूक करती है।
इस क्रम में आनन्दी बेन ने जनमानस का आह्वान किया कि वह अपने बच्चों के जन्मदिन या अपनी शादी की वर्षगांठ आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाये। ऐसा करने से आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों का उत्साह बढ़ेगा तथा उनमें भी आत्मविश्वास पैदा होगा।राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से सुपोषण अभियान के प्रभावी संचालन में सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जब मां कुपोषण मुक्त होगी तभी स्वस्थ एवं कुपोषण मुक्त बच्चे पैदा होंगे।
इसलिये पौष्टिक आहार एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। हम सभी का यह कर्तव्य है कि कही पर कुपोषित या टी.बी. रोग से ग्रसित बच्चा दिखाई दे,उसकी देखभाल की नैतिक जिम्मेदारी स्वयं ले। बच्चों के परिवार वालो को उचित देखभाल एवं कुपोषण रोकने के उपायों की जानकारी दें तथा स्वयं उसकी देखभाल भी करें और पोषण सामग्री उपलब्ध करायें तभी हम कुपोषण एवं क्षय रोग मुक्त समाज का निर्माण कर सकेगें।
उन्होंने कहा कि सरकार गर्भवती महिलाओं के पौष्टिक आहार के लिये पांच हजार रूपये की धनराशि उपलब्ध कराती है, उसका सदुपयोग होना चाहिए। आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी में पिंडरा विकासखंड के गंगापुर आंगनबाड़ी केन्द्र का भ्रमण किया। वहां पर आयोजित गोद भराई तथा अन्नप्रासन कार्यक्रमों में भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों से संवाद किया।
उन्हें पठन पाठन एवं खेल कूद सामग्री तथा फल एवं मिठाई भेंट की। मीरा देवी,गीता देवी व मनीषा देवी को फल, मिष्ठान व अनाज की डलिया देते हुए गोद भराई की। राज्यपाल ने अपने हाथों से कार्तिकेय व बेबी आदि बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्रासन संस्कार किया। उन्हें फल एवं मिठाई भी दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने पंचायत भवन के प्रांगण में वट वृक्ष का पौधा रोपण भी किया।