महिलाओ व पुरुषो में गंजेपन की समस्या के लिए बॉडी हार्मोन्स जिम्मेदार होते हैगंजापन पुरुषों में आम समस्या है. लेकिन क्या कभी सोचा है कि स्त्रियों के मुकाबले पुरुष में ये समस्या ज्यादा होती है? पुरुषों में होने वाले गंजेपन को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया या पैटर्न बॉल्डनेस बोला जाता है.
इस स्थिति में बाल फोरहेड की ओर से स्थाई रूप से झड़ना प्रारम्भ करते हैं व फिर क्राउन एरिया यानी सिर के ऊपरी हिस्से में भी यह प्रक्रिया होने लगती है. कई लोग गंजेपन को आनुवांशिकता से जोड़कर भी देखते हैं जो की ठीक भी हैं लेकिन इसके अतिरिक्त यह भी हैं की इस दौरान हेयर फोलिकल छोटे हो जाते हैं व बाल पतले व महीन होने लग जाते हैं जिससे इनका झड़ना प्रारम्भ हो जाता हैं. इसके अतिरिक्त एंड्रोजन हार्मोन की कमी की वजह से भी बालों का झड़ना प्रारम्भ होता हैं जो की गंजेपन में बदल जाता हैं.
ध्यान दीं वाली बात ये हैपुरुषों में गंजेपन की सबसे बड़ी वजह जेनेटिक्स व डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन नाम के मेल संभोग हॉर्मोन होते हैं. एक स्टडी के मुताबिक, प्यूबर्टी के दौरान मसल्स व हेड टिशू स्ट्रेच होती हैं. इस दौरान डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन भी लड़कों के शरीर में ज्यादा प्रड्यूस होता है. डी हाइड्रो टेस्टोस्टेरोन जब ज्यादा होता है तो हेयर फॉलिकल्स में उपस्थित ऐंड्रोजन रिसेप्टर्स जो बालों को हेल्दी रखने के लिए शरीर से पोषण लेते हैं वे इस हॉर्मोन को ज्यादा सोखने लगते हैं. इसके ज्यादा हो जाने पर फॉलिकल्स में सिकुड़न होने लगती है जिससे वह पोषक तत्व नहीं ले पाते व निर्बल होते जाते हैं. इस वजह से वह झड़ना प्रारम्भ हो जाते हैं.