लखनऊ। आजादी के 74 साल बाद भी दलित वोटरों का क्रेज अभी खत्म नहीं हुआ है। राजनैतिक दल इन वोटरों को रिझाने के लिए तमाम तरह के उपाय करते रहते हैं। ताजा मामला दलित दीपावली का है। समाजवादी पार्टी ने बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जन्मदिवस 14 अप्रैल के दिन दलित दीपावली मनाया जाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा अम्बेडकर जयंती पर ही समाजवादी बाबा साहेब वाहिनी के गठन का भी निर्णय लिया गया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दलित मतों को अपने पाले में खींचने की खातिर शनिवार (10अप्रैल) को बड़ा एलान किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अम्बेडकर जयंती के अवसर पर बाबा साहेब वाहिनी का गठन करने और दलित दीपावली मनाये जाने की घोषणा की है।समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर कांग्रेस तथा बसपा के कई नेताओं को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। इसी दौरान उन्होंने अम्बेडकर जयंती पर समाजवादी पार्टी की बाबा साहेब वाहिनी के गठन का संकल्प लिया।
उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती पर पूरे प्रदेश, देश और जिलों में सपा की बाबा साहेब वाहिनी के गठन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अब डॉ भीमराव अम्बेडकर के विचारों पर सक्रिय काम करेगी और प्रदेश में बाबा साहेब वाहिनी का गठन करेगी। इसका अखिलेश यादव ने ट्वीट भी किया है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा है कि संविधान निर्माता आदरणीय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के विचारों को सक्रिय कर असमानता व अन्याय को दूर करने और सामाजिक न्याय के समतामूलक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, हम उनकी जयंती पर जिला, प्रदेश व देश के स्तर पर सपा की बाबा साहेब वाहिनी के गठन का संकल्प लेते हैं।
इससे पहले अखिलेश यादव ने 14 अप्रैल को दलित दीपावली का आह्वान किया था। उन्होंने दलित दीपावली की बाबत बीजेपी सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट में लिखा था, भाजपा के राजनीतिक अमावस्या के काल में वो संविधान खतरे में है, जिससे बाबासाहेब ने स्वतंत्र भारत को नयी रोशनी दी थी। इसलिए बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती, 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश, देश व विदेश में दलित दीवाली मनाने का आह्वान करती है। इससे पहले अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में समाजवादी पार्टी में पूर्व मंत्री राकेश त्यागी, पूर्व विधायक अरशद खान व अनीस के साथ कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराया। इनमें रवींद्र कश्यप व उत्तम चंद्र लोधी भी है।
बताते चलें कि आजादी के बाद बाद बाबा साहेब ने भारतीय संविधान के जरिए दलित कल्याण की कई योजनाएं बनाई थीं। देश की आबादी में एक बहुत बड़ा हिस्सा दलितों का भी है। इसलिए कांग्रेस,भाजपा,बसपा,सपा जैसे राजनैतिक दल समय समय पर दलित वोटबैंक को आकर्षित करने की नियत से तमाम तरह की घोषणाएं करती रहते हैं। सपा की ओर से दलित दीपावली और सपा की बाबा साहेब वाहिनी की घोषणा को भी दलित वोटरों को रिझाने के नजरिए से देखा जा रहा है।