• जनपदीय टास्क फ़ोर्स की बैठक में मिशन इंद्रधनुष और एमडीए अभियान की सफलता पर जोर
• विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े और दस्तक पखवाड़े की हुई समीक्षा
औरैया। जिलाधिकारी नेहा प्रकाश की अध्यक्षता में शुक्रवार जनपदीय टास्क फ़ोर्स की बैठक आयोजित हुई। जिला मुख्यालय सभागार, ककोर में हुई इस बैठक का विशेष जोर अगस्त माह में प्रस्तावित मिशन इंद्रधनुष और सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की सफलता पर रहा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि नियमित टीकाकरण से छूटे हुए प्रत्येक बच्चे का टीकाकरण सात अगस्त से प्रस्तावित अभियान के दौरान सुनिश्चित किया जाए।
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साथ ही 10 से 28 अगस्त तक प्रस्तावित एमडीए अभियान के दौरान प्रत्येक घर पर जाकर आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता परिवार के हर सदस्य को अपने सामने दवा खिलाएं। उन्होंने जिले में चल रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, दस्तक पखवाड़े और विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की बृहद समीक्षा भी की।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अनिल कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों का सात बार नियमित टीकाकरण हो जाए। टीकाकारण के प्रति उदासीन परिवारों को जागरूक करने में सहयोगी संस्थाओं और प्रचार प्रसार का सहारा लिया जाए। अन्तर्विभागीय सहयोग से भी शत प्रतिशत टीकाकरण संभव है और इस संबंध में अन्य विभागों को भी दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
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आशा कार्यकर्ता दस्तक पखवाड़े के दौरान घर घर जा रही हैं और इस अभियान के तहत ही वह प्रत्येक छूटे हुए बच्चे की गुणवत्तापूर्ण हेड काउंट सर्वे सुनिश्चित करें। सीडीओ ने निर्देशित किया कि सुनिश्चित होना चाहिए कि लाभार्थी आशा कार्यकर्ता के सामने ही दवा खाएं। कोई भी आशा कार्यकर्ता किसी लाभार्थी को दवा देकर नहीं आएंगी। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। उन्होंने जिले में इस समय संचालित अभियानों में जिले की रैकिंग बेहतर बनाये रखने के लिए टीम भावना से कार्य करने को कहा।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि समुदाय में संदेश दिया जाना चाहिए कि सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित और असरदार है। कुछ टीकों के लगने के बाद बुखार आना सामान्य बात है और यह बुखार दवाओं से ठीक भी हो जाता है। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इन संदेशों से लोगों को प्रेरित कर मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाना है। इसी प्रकार समुदाय को बताया जाए कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है।
इससे बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन अनिवार्य है। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को (गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) दवा खानी है। एमडीए अभियान में एक से दो वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को भी पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी।
बैठक के दौरान डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और पाथ संस्था के प्रतिनिधियों ने भी प्रस्तुति दी। इस मौके पर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल व उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राकेश सिंह सहित जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, समस्त उप व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
पूरी है तैयारी
बैठक के प्रतिभागी और अजीतमल सीएचसी के अधीक्षक डाॅ अवनीश कुमार ने बताया कि एमडीए अभियान से सम्बन्धित दवाएं मिल चुकी हैं और आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। दस्तक पखवाड़े और नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से नये फाइलेरिया मरीज भी ढूंढे जा रही हैं। मिशन इंद्रधनुष और एमडीए अभियान की तैयारी पूरी है और उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश में शत प्रतिशत टीकाकरण व दवा सेवन सुनिश्चित कराया जाएगा।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर