• सीएचसी अजीतमल में अब महिलाओं की मिलेगी मिनी लैप विधि से नसबंदी की सुविधा
• हफ्ते में सातों दिन महिलाएं ले सकती हैं लाभ
औरैया। जिले में पहली बार गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजीतमल पर सामान्य प्रसव के बाद एक महिला की मिनी लैप विधि से सफलतापूर्वक नसबंदी हुई है। महिला नसबंदी के लिए मिनी लैप विधि बहुत आसान और सुविधाजनक प्रक्रिया है। प्रसव के बाद महिला नसबंदी में लाभार्थी को जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के 1400 रुपये के अतिरिक्त महिला नसबंदी के 3000 रुपये मिलते हैं। यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार वर्मा ने बताया परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग सतत प्रयत्नशील है। इसके लिए लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं जिन लोगों के परिवार नहीं पूरे हुए हैं उन्हें दो बच्चों के जन्म बीच में अंतर रखने के लिए अस्थायी सुविधाओं एवं साधनों का लाभ दिया जाता है जबकि जिन लोगों ने परिवार पूरा कर लिया है उन्हें स्थायी सेवा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल व एसीएमओ डॉ शिशिर पुरी का कहना है कि अजीतमल सीएचसी पर नसबंदी सेवा शुरू होना सुखद पहलू है। सर्जन डॉ राकेश कुमार गुप्ता ने महिला की मिनी लैप विधि से पहले दिन ऑपरेशन किया है। उन्होंने कहा कि सर्जन डॉ राकेश के प्रयासों का ही नतीजा है कि यहां सर्व प्रथम यह सेवा शुरू हो पायी है। साथ ही कहा कि नसबंदी सेवा शुरू होने से लाभार्थियों को काफी सहूलियत मिलेगी।
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सीएचसी के अधीक्षक डॉ अवनीश कुमार ने कहा कि आवश्यकताओं को देखते हुए यहाँ पहली बार सामान्य प्रसव के पश्चात महिला ने नसबंदी की सेवा प्राप्त की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश टेक्नीकल सपोर्ट यूनिट से जुड़े जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ तकनीकी सहयोग कर रहे हैं। अजीतमल सीएचसी पर नसबंदी सेवा शुरू होने से वहां की आशा, आशा संगिनी व एएनएम को केस लाने में आसानी होगी। लाभार्थियों को भी सहूलियत मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यहां नसबंदी सेवा शुरू होने से परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति मिलेगी।
यह है मिनी लैप विधि
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजीतमल के सर्जन डॉ राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि यह महिला नसबंदी की सरल और सबसे सफल विधि है, जिसके लिए किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता नहीं पड़ती। कोई भी एमबीबीएस चिकित्सक जो मिनी लैप विधि में प्रशिक्षित है, वह इस विधि से महिला नसबंदी की सेवा दे सकता है। इस विधि में किसी भी प्रकार की मशीनरी का प्रयोग नहीं किया जाता है। मिनी लैप विधि में की गई नसबंदी शत प्रतिशत सफल होती है।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर