जैतून के तेल (एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल) का सेवन करने से टाऊ प्रोटीन दिमाग में जमा नहीं होता और डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) होने का जोखिम कम होता है। दिमाग में हानिकारक टाऊ प्रोटीन के जमा होने से ही डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है। एक हालिया शोध में यह दावा किया गया है। ऑलिव ऑयल में मौजूद मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड और अच्छी वसा के कारण यह कोलेस्ट्रोल को कम करने और दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का सेवन करने से दिमाग को सुरक्षा मिलती है और बुद्धिमत्ता को फायदा होता है। चूहों पर किए गए शोध में पता चला कि इस ऑलिव ऑयल के सेवन से उनके सीखने और प्रदर्शन करने की क्षमता में सुधार हुआ।
इस तेल में ज्यादा मात्रा में पोलीफेनोल्स होते हैं। यह मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है जो बीमारी को पलटने या उम्र संबंधित कमजोर याददाश्त को ठीक कर सकता है। शोध में पाया गया कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के सेवन से ऑटोफैगी में बढ़ोतरी होती है। यह एक प्रक्रिया है जिसमें दिमाग की कोशिकाएं हानिकारक पदार्थों का नष्ट कर देती हैं।
क्या काम करता है टाऊ प्रोटीन
अल्जाइमर और मनोभ्रंश के अन्य रूपों में, जैसे कि फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया में टाऊ प्रोटीन न्यूरॉन के अंदर जमा होता है। वहीं, स्वस्थ दिमागों में टाऊ का सामान्य स्तर सूक्ष्मनलिकाएं को स्थिर करने में मदद करते हैं, जो न्यूरॉन के लिए सहायक संरचनाएं हैं। इस शोध में पाया कि अतिरिक्त वर्जिन ऑलिव ऑयल का लंबे समय तक सेवन करने के कई फायदे होते हैं। इससे कई तरह के डिमेंशिया व अल्जाइमर से बचाव होता है।