भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में सीईओ समेत दो नियुक्तियों को लेकर घमासान चरम पर पहुंच गया है। उपाध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह देव की अगुवाई में आईओए कार्यकारिणी के नौ सदस्यों ने संघ परिसर में नोटिस चस्पा कर अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
सीईओ की नियुक्ति निरस्त कर चुकी है कार्यकारिणी
कार्यकारिणी सदस्यों का इशारा जनवरी में नियुक्त किए गए सीईओ रघुराम अय्यर और आईओए अध्यक्ष पीटी उषा के कार्यकारी सहायक कैप्टन अजय नारंग को लेकर है। सीईओ की नियुक्ति को लेकर छह जनवरी से ही पीटी उषा और कार्यकारिणी सदस्यों के बीच टकराव हो रहा है। कार्यकारिणी सदस्यों का कहना है कि सीईओ का भारीभरकम वेतन (20 लाख रुपये प्रति माह, कुल सालाना वेतन तीन करोड़ रुपये) काफी ज्यादा है।
हाल ही में 15 सदस्यीय कार्यकारिणी में से 12 सदस्यों ने सीईओ की नियुक्ति को निरस्त कर दिया था। हालांकि सीईओ अपना कार्यभार संभाले रहे। इसके बाद ही मंगलवार को कार्यकारिणी सदस्यों ने बैठक कर नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस पर राजलक्ष्मी सिंह देव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटेल, कोषाध्यक्ष सहदेव यादव, उपाध्यक्ष गगन नारंग, सदस्य योगेश्वर दत्त, डोला बनर्जी, भूपेंद्र सिंह बाजवा, अमिताभ शर्मा और हरपाल सिंह के हस्ताक्षर हैं।
विरोध पर आईओए हो सकता है निलंबित: उषा
पीटी उषा का कहना है कि कार्यकारिणी सदस्यों ने सीईओ के वेतन पर फिर से विचार करने को कहा था। इसके बाद उनके वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती कर दी गई। उषा ने कार्यकारिणी सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर सदस्य इसी तरह विरोध जारी रखेंगे तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए आईओए को निलंबित कर सकती है।