अटल
सोलह अगस्त की थी दिनांक संध्या का कोई आठ बजा
भगवान विराजे आसन पर, था स्वर्ग लोक का ठाठ सजाथे परम ब्रह्म मुख्यासन पर सब देव वहां दरबारी थे
स्वर्गिक आनंद बरसते थे देवों के उत्सव जारी थेउनचास पवन थे मौन खड़े बस शांत समीर बह रहा था
कितने शीतल हो आप यहां सूरज से चांद कह रहा थाइतने में द्वारपाल आया बोला एक वृद्धा आई है
कुछ उसके पास नहीं है पर आंखों में श्रद्धा लाई हैउसने संदेश दिया है जो प्रभु सेवक वही सुनाता है
कहती है नाथ जानते हैं वह उनकी भारत माता हैभारत माता का नाम सुना प्रभु सिंहासन से उछल पड़े
कोई कुछ समझ नहीं पाया वे द्वार दिशा को निकल पड़ेपीछे पीछे दौड़े ब्रह्मा प्रभु आया कौन बताओ तो
इतनी उत्कंठा क्यों कर है कुछ मुझ को भी समझाओ तोप्रभु का था कंठ निरुद्ध और पद पढ़ते थे प्रछन्न वहां
पीछे पीछे सब देव किंतु वे भी थे बेहद सन्न वहांगदगद वाणी में बोल उठे भगवान सुनो बतलाता हूं
है कौन विभूति यहां आई मैं तुम सबको समझाता हूंजब पाप धरा पर बढ़ते हैं तब मैं धरती पर जाता हूं
पूरी दुनिया में इसी भूमि को सबसे पावन पाता हूंब्रह्मा जी तुमने धरा लोक पर भी एक स्वर्ग बनाया है
वह स्वर्ग आज खुद स्वर्ग लोक में मुझसे मिलने आया हैयह वह धरती है जहां तुम्हारा प्रभु भी शीश झुकाता है
जिसको मैं भी मां कहता हूं वह ये ही भारत माता हैइतने में वृद्धा दीख पड़ी प्रभु ने साष्टांग प्रणाम किया
दरबार तलक उनको लाकर सिंहासन पर विश्राम दियाबोले भगवन आदेश करो मां मैं क्या तेरा काम करूं
आदेश करो तो स्वर्ग लोक ही पूरा तेरे नाम करूंवृद्धा बोली बस एक कार्य के लिए यहां तक आई हूं
मेरा एक सुत आगे आया मैं पीछे पीछे धाई हूंविनती है नाथ जरा जल्दी फिर उसका पुनर्जन्म करना
फिर से वह मेरा पुत्र बने बस इतना आप करम करनावह ऐसा बेटा है जिस पर भारत माता बलिहारी है
दो घंटे पहले आया है वह मेरा अटल बिहारी हैजब से वह यहां चला आया मुझको कुछ भी ना भाता है
उसके वियोग में ही चलकर आई यह भारत माता हैलिख दे कपाल पर काल के जो ऐसा दिगपाल नहीं होगा
बेटे तो लाख जनूँगी मैं पर ऐसा लाल नहीं होगावह मेरा बहुत दुलारा था वह ही मेरा रखवाला था
दुश्मन के घर भी घुस जाए वह ऐसा हिम्मतवाला थाअमरीका ने थे धरा गगन तक चुंगी नाके कर डाले
उस जिद्दी बेटे ने फिर भी परमाणु धमाके कर डालेथा करगिल मेरा खतरे में तब वह मजबूत बन गया था
दुश्मन की लाशें दफनाने को खुद ताबूत बन गया थावह कोख नहीं आया फिर भी उससे मां का ही नाता है
दो एक नहीं यह सवा अरब बेटों की भारत माता हैइतने में देवदूत जैसा साया सा आकर सिमट गया
फिर चरण छुए विह्वल होकर भारत माता से लिपट गयावह अटल आत्मा बोल उठा मां तुम जाओ मैं आऊंगा
तेरा आंचल पाने को तो मैं प्रभु से भी लड़ जाऊंगाहे नाथ सुनो तुमसे कोई भी रार नहीं ठानूंगा मैं
पर जब तक जन्म नहीं मिलता है हार नहीं मानूंगा मैंयह अटल हमेशा गीत नया गाता था अब भी गाता है
हम सबको अपनी जान से ज्यादा प्यारी भारत माता हैहै अगर आपको भी प्यारी तो अब दोनों बाजू खोलें
फिर आज अटल के साथ-साथ भारत माता की जय बोलें
अजय अंजाम, औरैया
Tags Atal Atal bihari bajpai अटल
Check Also
मधु लिमये : लोकतांत्रिक समाजवाद के करिश्माई चिंतक
मधु लिमये (Madhu Limaye) आधुनिक भारत के समाजवादी क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने स्वतंत्रता ...