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अदन की खाड़ी में नहीं थम रहे हमले, हूती विद्रोहियों ने सिंगापुर के झंडे वाले जहाज को बनाया निशाना

इस्राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद यमन के हूती विद्रोही जहाजों को निशाना बना रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देश खुले शब्दों में चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन हूती अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। एक बार फिर विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी में हमला कर सिंगापुर के झंडे वाले जहाज को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसकी जानकारी सिंगापुर के समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) ने दी।

अदन की खाड़ी को पार कर रहा था जहाज तभी हुआ हमला
सिंगापुर के समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण का कहना है कि जानकारी मिली थी कि जहाज लोबिविया अदन की खाड़ी को पार कर रहा था, तभी उस पर हमला कर दिया गया। इससे जहाज पर आग लग गई। बाद में चालक दल ने आग बुझाई। वहीं, चैनल न्यूज एशिया ने प्राधिकरण के हवाले से बताया कि चालक दल में सिंगापुर का कोई नागरिक नहीं है और सभी सदस्य सुरक्षित हैं। जहाज पर हमला होने के बाद भी वह सोमालिया के बर्बेरा पोर्ट पर पहुंचा।

सुरक्षा के लिए अलर्ट नौसेना
एमपीए ने कहा कि वह किसी भी तरह की सहायता करने के लिए पोत प्रबंधक के संपर्क में है। सिंगापुर गणराज्य की नौसेना (आरएसएन) ने अदन की खाड़ी में अपने सुरक्षा साझेदारों को भी मदद मुहैया कराने के लिए सतर्क कर दिया है।

दो मिसाइलों से हमला
वहीं, टेलीविजन पर दिए गए भाषण में हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने हमले की जिम्मेदारी ली। उसने कहा कि समूह ने लोबिविया पर बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं। यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स के अनुसार, लोबिविया पर यमन के बंदरगाह शहर अदन से लगभग 83 समुद्री मील दक्षिण-पूर्व में दो अलग-अलग मौकों पर दो मिसाइलों से हमला किया गया।

ब्रिटिश सुरक्षा फर्म एम्ब्रे ने बताया, ‘जहाज अदन की खाड़ी के उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा था, तभी पास के एक व्यापारी जहाज ने रोशनी देखी। जहाज ने तुरंत ही बचाव अभियान शुरू कर दिया तथा करीब एक घंटे बाद अपनी स्वचालित पहचान प्रणाली को बंद कर दिया।’

अमेरिका को बना रहा निशाना
बता दें, गाजा में हो रहे इस्राइल हमलों से मध्यपूर्व बौखलाया हुआ है। मध्यपूर्व गाजा में हो रहे हमलों का कारण अमेरिका को मानता है। इसी वजह से हूती विद्रोही अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों के खिलाफ हमले कर रहे हैं। साथ ही कभी ईरान तो कभी जॉर्डन को कभी सीरिया में अमेरिकी सेना और अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमले हो रहे हैं।

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