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लाखों श्रमिकों की वापसी पर ध्यान

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

औरैया की दुर्घटना विचलित करने वाली थी। यह अपूरणीय क्षति है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह भी देखना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से चौदह लाख प्रवासी श्रमिकों की सकुशल का प्रबन्ध संभव हुआ। योगी स्वयं इसके प्रति गम्भीर है। इन लाखों श्रमिकों की ना केवल वापसी सुनिश्चित हुई,बल्कि उनकी जांच व आवश्यकतानुसार चिकित्सा सुविधा भी प्रदान की गई। योगी ने कहा भी है कि उनकी सरकार श्रमिकों की सम्मान सहित सकुशल वापसी के लिये कटिबद्ध है। अब तक भारत सरकार के सहयोग से चौदह लाख से अधिक प्रवासी कामगार श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने बारह हजार उप्र परिवहन निगम की बसों को लगाया।

इसके अलावा प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी के प्रवर्तन पर दो सौ बसें लगायी हैं।योगी ने कहा कि पंजाब, राजस्थान सहित अन्य राज्य सरकारें प्रवासी कामगार श्रमिकों की सूची उप्र शासन को उपलब्ध करवा रही है। उस राज्य से उनकी सुरक्षित एवं सम्मानजनक वापसी के लिए श्रमिक एक्सप्रेस तथा अन्य सुरक्षित साधन लगाए गए हैं। योगी ने कांग्रेस पर नकारात्मक राजनीति का आरोप लगाया। कहा कि संकट के समय में कांग्रेस की नकारात्मक एवं ओछी राजनीति की निन्दा होनी चाहिए। औरैया में प्रवासी श्रमिकों की मौत के लिए जिम्मेदार एक ट्रक पंजाब से तथा दूसरा राजस्थान से आया था। जबकि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार सभी श्रमिकों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए प्रत्येक संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए केंद्र की ओर से विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। राज्य सरकार बसों के माध्यम से उन्हें घर भेज रही है। इसके लिए फिजिकल डिस्टेंनसिंग पर अमल किया जा रहा है। इसी में सभी की भलाई है। इसकी अवहेलना करके ज्यादा संख्या में एक साथ लोगों को भेजा जा सकता था।

लेकिन सरकार ने कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए ट्रेनों व बसों में श्रमिकों को दूर दूर बैठने की व्यवस्था की थी। ट्रेन से उतरने के बाद उनको फिजिकल डिस्टेंनसिंग के अनुरूप बसों से गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की गई थी। योगी ने केंद्र के कदमों को सराहनीय बताया। कहा कि आर्थिक पैकेज से देश की अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी। इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सहायता के साथ ही गरीबों को आर्थिक रूप से भी लाभ होगा। वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकेंगे। प्रधानमंत्री राहत पैकेज के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्री ने चार दिनों में अलग अलग पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के माध्यम से देश और साथ उत्तर प्रदेश के लोग भी आत्मनिर्भर बन सकेंगे। सभी राज्य एफआरबीएम की सीमा को तीन से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की मांग कर रहे थे।

राज्यों की इस मांग को केंद्र सरकार ने एक वर्ष की सहमति दी है। इससे राज्यों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोन लेने की बड़ी सुविधा मिल जाएगी। रोजगार,शिक्षा,इंडस्ट्री गरीब कल्याण आदि की दिशा में भी लाभ मिलेगा। एमएएमई सेक्टर के पर भी अनुकूल प्रभाव होगा। यह लोकल को ग्लोबल बनाने में सहायक होगा। एमएस एमई सेक्टर के इनसॉल्वेंसी के नियमों में ढील दी गई है।उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु समेत एमएसएमई सेक्टर वाले राज्य देश कीअर्थव्यवस्था की बैकबोन है। इससे मजबूती मिलेगी,और रोजगार सृजित होंगे। गरीबों की कठिनाई पर केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार पूरा ध्यान दे रही है। प्रवासी श्रमिकों के सकुशल वापसी के लिए सरकार श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है। इसमें जो खर्चा आ रहा है, उसका पच्चासी प्रतिशत वहन रेल मंत्रालय व भारत सरकार कर रहा है। जबकि शेष राशि का वहन संबंधित राज्य कर रहा है।

उत्तर प्रदेश में करीब पांच सौ श्रमिक स्पेशल ट्रेन आई है। इसमें छह लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जनपद के क्वारंटीन सेंटर तक पहुंचाने का काम किया गया है। इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों के बारे व्यापक कार्ययोजना घोषित की गई है। इसमें देश के अस्सी करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन देने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश में अब तक अठारह करोड़ लोगों को तीन बार मुफ्त में राशन उपलब्ध करवाया जा चुका है। इसके साथ ही प्रदेश में रोजगार सृजन के कार्य शुरू हुए हैं। एमएसएमई सेक्टर की इंडस्ट्री चालू हुई हैं। इसमें रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। सरकार मनरेगा में प्रतिदिन तीस लाख लोगों को रोजगार दे रही हैं। इसमें तीन सौ करोड़ रोजगार सृजित करने लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए चालीस हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। मानसून के दौरान भी कार्य उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। प्रवासी मजदूरों के लिए भी इसमें व्यवस्था की गई है। इसमें संदेह नहीं कि योगी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभूतपूर्व विस्तार किया है। मात्र तीन वर्षों में उनतीस मेडिकल कालेज स्थापित करने का कार्य शुरू हुआ। सात मेडिकल कॉलेज में प्रवेश भी प्रारम्भ हो गए है। दो नए एम्स प्रारम्भ हुए। कोरोना संकट आकस्मिक था। शुरू में इसके मुकाबले की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। इस समय में उत्तर प्रदेश में छब्बीस लैब हैं। पर्याप्त मात्रा में केंद्र सरकार हमें किट मुहैया करवा रही है। प्रतिदिन छह टेस्ट हो रहे हैं। अगले दो तीन दिन में इसे बढ़ाकर दस हजार किया जा रहा है।

प्रदेश में अब तक करीब दो लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से इसकी क्षमता में विस्तार किया जा रहा है। कोरोना पाजीटिव मरीजों के लिए पचपन हजार बेड स्थापित किए गए हैं। आज प्रदेश के सभी जनपदों में वेंटीलेटर की सुविधा है। पीपीई किट उत्पादन की छब्बीस यूनिट अकेले उत्तर प्रदेश में स्थापित हुई है। उत्तर प्रदेश से अट्ठाइस राज्यों में सेनीटाइजर भेजा जा रही है। गोरखपुर और रायबरेली एम्स में ओपीडी के साथ साथ पाठ्यक्रम भी प्रारंभ हो गया है। करोना संकट के समय इन मेडिकल कालेज का बड़ा योगदान मिला है। सरकार द्वारा आनलाइन शिक्षा के लिए बारह चैनल शुरू किए गए है। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ श्रमिकों की सकुशल वापसी के साथ साथ स्वास्थ सेवाओं और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में भी कारगर कदम उठा रहे है।

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