औरैया। जिले के सदर क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक रमेश दिवाकर की कोरोना संक्रमण के चलते आज सुबह मेडीकल कालेज मेरठ हुई मृत्यु के बाद देर शाम उनका पार्थिव शरीर औरैया लाया गया और कुछ समय आवास पर रूकने के पश्चात यमुना नदी के शेरगढ़ घाट पर गमगीन माहौल में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। दुर्भाग्य कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित उनकी पत्नी पति के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सकीं।
करीब एक सप्ताह पूर्व 15 अप्रैल को शरीर में कमजोरी महसूस करने पर परिजनों व अन्य साथियों के साथ विधायक दिवाकर ने 50 शैय्या अस्पताल में कोविड की जांच करायी थी। जिसमें वह उनकी पत्नी और एक पुत्र कोरोना संक्रमित पाये गये थे। जिसके चलते वह परिवारीजनों के साथ होम आइसोलेशन में रहे, 20 अप्रैल की देर रात्रि अचानक तीनों की हालत बिगड़ी और सांस लेेने में हो रही दिक्कत पर स्वास्थ्य अधिकारियों के परीक्षण के बाद उन्हें चिचौली स्थित एल-टू कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया, जहां हालत में सुधार न होने व सीटी स्कैन के बाद विधायक, उनकी पत्नी व पुत्र को कानपुर रेफर किया गया। जिसके बाद विधायक दिवाकर को कानपुर से दिल्ली, गाजियाबाद और अंत में मेडीकल कालेज मेरठ में उपचार हेतु भर्ती कराया गया था।
जहां पर उपचार के दौरान संक्रमण से संघर्ष कर रहे सदर विधायक दिवाकर आज सुबह करीब सात बजे संक्रमण से जंग हार गये थे और उनकी मृत्यु हो गई थी। विधायक की मृत्यु की खबर जैसे ही जिले में आयी प्रत्येक व्यक्ति स्तब्ध रह गया और हर आंख नम हो गयी, हो भी क्यों न विधायक दिवाकर का हंसदिल चेहरा, मिलनसार स्वभाव व सादगी का प्रत्येक व्यक्ति कायल जो था और आज उन्हीं की मृत्यु की खबर सुन सभी निशब्द जो थे, सभी की आंखों से विधायक का हंसता हुआ सादगी पूर्ण चेहरा हट ही नहीं रहा था, यही कारण था कि उनकी मृत्यु की खबर आते ही कोरोना संक्रमण के प्रभाव को दरकिनार कर सुबह से ही उनके आवास पर लोगों का जमावड़ा लगा रहा।
शाम को जब विधायक का शव शहर में आया और तिलकनगर स्थिति उनके आवास वाली गली में एम्बुलेंस पर पहुंचा तब उनके पुत्र, पुत्रियों व परिजनों को पता चला कि उनके अपने संरक्षक, बुजुर्गों का लाड़ला अब इस दुनियां में नहीं रहा तो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और सभी का रो-रो कर हाल-बेहाल हो गया। परिजनों व उनके समर्थकों के लिए उससे भी बड़ा दुःख इस बात का था कि वह अपने चहेते मुखिया व जनप्रिय नेता के करीब भी नहीं जा सकते थे, उन्हें एम्बुलेंस पर रखे किट में बंद पार्थिव शरीर के दर्शन वो भी दूर से हो सके।
विधायक पति रमेश दिवाकर के साथ कराई कोरोना जांच में पत्नी लक्ष्मी दिवाकर व पुत्र भी कोरोना संक्रमित निकले थे और एक साथ तीनों जिला अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती हुए थे जहां पर कोई आराम न मिलने पर तीनों लोगों को कानपुर के लिए रेफर किया गया था। जहां पर उपचार के दौरान पुत्र की रिपोर्ट जहां निगेटिव आ गयी वहीं उनकी पत्नी लक्ष्मी का अभी भी कानपुर में उपचार चल रहा है और शायद उन्हें ये भी नहीं पता और न बताया गया कि विधायक दिवाकर कोरोना से उपचार के दौरान जंग हार गए हैं और उनका सुहाग उजड़ गया है। दुर्भाग्य है कि इस महामारी के चलते लक्ष्मी दिवाकर अपने विधायक पति के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सकीं।
वहीं विधायक दिवाकर का पार्थिव शरीर कुछ समय के लिए तिलकनगर आवास के सामने रूकने के बाद यमुना नदी पर स्थित शेरगढ़ घाट पर ले जाया गया जहां पर राजकीय सम्मान के साथ कोविड प्रोटोकॉल के तहत जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्रीमती अपर्णा गौतम व अपर पुलिस अधीक्षक शिष्यपाल व कुल करीबियों की मौजूदगी में पुलिस ने शोक सलामी दी और गमगीन माहौल में परिजनों द्वारा उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर