स्वास्थ्य जीवन के लिए संतुलित आहार अथवा सुपोषण आवश्यक है। इस संबन्ध में व्यापक जानकारी होनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि सुपोषण के लिए महंगी खाद्य सामग्री की आवश्यकता होती है। धनी वर्ग भी संतुलित व पौष्टिक आहार को जीवन शैली में शामिल ना करने से कुपोषण के शिकार हो सकते है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल पहले भी मोटे अनाज व जैविक कृषि के प्रति लोगों को जागरुक करती रही है।
इसके साथ ही योग व आयुर्वेद का भी महत्व है। भारतीय जीवन शैली में सुपोषण को महत्व दिया गया। आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि एक से तीस सितम्बर तक राष्ट्रीय स्तर पर पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने इस जन अभियान को संतुलित आहार के प्रति लोगों में जागरूक बनाने के लिए किया था। आनंदीबेन पटेल ने इटावा में बसरेहर ब्लाक, स्थित दातावली आंगनबाड़ी केन्द्र जाकर पोषण कार्यक्रमों तथा अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
इटावा क्लब में उन्होंने आंगनबाड़ी तथा राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़े समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी गांव के समस्त स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जुड़ी रहती है। इसलिए उसे छह वर्ष तक के बच्चों,जननी और धात्री महिलाओं के उचित पोषण के प्रति जागरूकता और जानकारी का प्रसार करते रहना चाहिए। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को इस बात का निरन्तर ध्यान रखना है कि गरीब परिवारों और महिलाओं की आय में वृद्धि के लिए योजनाओं का लाभ उन तक पहुँचे। उनकी क्षमताओं के अनुसार कार्य मिले और उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकें। राज्यपाल जी ने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के लिए उपयोगी सामग्री, खिलौने तथा फर्नीचर का वितरण भी किया।
उन्होंने इटावा के विकास भवन में क्षय रोग संक्रमण के चिन्हित बच्चों,लघु सहायता समूह और फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि सदस्यों से वार्ता की। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों तथा समर्थ नागरिकों से क्षय रोग ग्रस्त बच्चों के उचित पोषण की व्यवस्था एवं चिकित्सा हेतु देखरेख के लिए गोद लेने की अपील की। उन्होंने विकास भवन में जनपद के प्रगतिशील किसानों से भेंट कर कृषि उत्पादों की जानकारी ली तथा ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने का आह्वान किया।