रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को बड़ी टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को अयोध्या केस पर सुनवाई का 32वां दिन है. बता दें कि अबतक 31 दिनों की सुनवाई शीर्ष अदालत में हो चुकी है. हिंदू पक्षकारों ने अपनी दलीलें रख दी हैं और मुस्लिम पक्षकार की दलीलें जारी हैं.
गुरुवार को जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई तो सबसे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले पर अपनी राय आगे रखी. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों से कहा कि आज का दिन मिलाकर 18 अक्टूबर तक हमारे पास साढ़े 10 दिन हैं. सीजेआई रंजन गोगई ने इस मामले पर 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने का आदेश दिया.
उन्होंने कहा है कि सुनवाई के लिए अब एक दिन भी एक्सट्रा नहीं दिया जाएगा. सीजेाई के मुताबिक अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर चार हफ्ते के अंदर कोई फैसला लेना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा. बता दें कि सीजेआई रंजन गोगई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इम मामले में फैसला जल्द आएगा.
बता दें कि इससे पहले भी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस बात पर टिप्पणी कर चुके हैं कि सभी पक्षों को कोशिश करनी चाहिए कि 18 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो सके. इसके बाद क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को एक महीने का वक्त इस मसले का फैसला लिखने के लिए चाहिए होगा.
संविधान पीठ ने मुस्लिम पक्षकार और हिंदू पक्षकार को बहस के लिए समयसीमा तय कर दी थी. कोर्ट के अनुसार, ज्यादातर दलीलें 4 अक्टूबर तक पूरी हो जाएंगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दशहरा की छुट्टियां हो जाएंगी. कोर्ट 14 अक्टूबर को फिर खुलेगा. ऐसे में कोर्ट के पास सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर तक पांच और दिन बचेंगे.