इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल बुलंदशहर में गोकशी के बाद हुई हिंसा के आरोपी योगेश राज की जमानत अर्जी बुधवार को मंजूर कर ली। पिछले साल दिसंबर में हुई हिंसा में एक पुलिस निरीक्षक और एक युवक की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने योगेश राज के वकील और सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद राज की जमानत अर्जी मंजूर करने का आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उस हिंसा में याचिकाकर्ता की कोई भूमिका नहीं थी और इस मामले में अन्य आरोपी पहले से जमानत पर हैं। राज्य सरकार के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक ने राजद्रोह का गंभीर अपराध किया है, इसलिए उसकी जमानत की अर्जी खारिज की जानी चाहिए। अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद योगेश राज की जमानत की अर्जी मंजूर कर ली।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल से जुड़े बुलंदशहर जनपद में स्याना इलाके के महाव गांव में तीन दिसंबर 2018 को कथित तौर पर गोकशी के बाद मचे बवाल में गुस्साई भीड़ ने स्याना थाने के इंस्पेक्टर की पत्थर या किसी भारी वस्तु मार कर हत्या कर दी थी। वहीं गोली लगने से एक युवक की मौत हो गयी थी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एडीजी इंटेलीजेंस को सौंपी थी।
इसके साथ ही मेरठ रेंज के महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया था। बुलंदशहर में हुई घटना में पांच पुलिस कर्मी तथा करीब आधा दर्जन आम लोगों को भी मामूली चोटें आई थीं। भीड़ द्वारा हिंसा में कई गाडिय़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया है तथा तीन कारों को आग लगा दी गई थी। इस हिंसा में तीन गांव के करीब चार सौ लोगों के शामिल होने की बात कही गयी थी।