जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाने का फैसला आस्था की बुनियाद पर सुनाया था। कोर्ट के फैसले से ये साफ हो चुका है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद रामजन्मभूमि मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी।
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मदनी ने जोर देकर कहा कि जो भी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनाई जाएगी इस्लाम में वो मस्जिद नहीं होगी। मदनी ने मुस्लिम समुदाय से लड़कियों की शिक्षा के लिए अलग स्कूल बनाने की अपील करते हुए कहा कि लड़कियों को धर्मांतरण का शिकार बना कर बर्बाद किया जा रहा है। मदनी जमीयत उलमा-ए-हिन्द के सम्मेलन के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
सुन्नी इंटर कालेज में प्रदेश के 37 जिलों के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में मदनी ने कहा कि जो लोग भी सत्ता हासिल करने के लिए नफरत का माहौल बना रहे हैं, हम उनका विरोध करते हैं। जमीयत उलमा हिंद राजनीतिक संगठन नहीं है। न तो हम चुनाव लड़ते हैं और न ही चुनाव लड़वाते हैं।
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सम्मेलन की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने और संचालन मुफ्ती अशफाक आजमी ने की। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना सैयद असजद मदनी, हाफिज अब्दुल कुददूस ने भी अपने विचार रखे। मौलाना हबीबुल्लाह मदनी ने समाज सुधार कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की।