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जनपद में आयोजित हुआ गोद भराई कार्यक्रम, लगभग 2000 महिलाओं की हुई गोद भराई

लखनऊ। सरदार नगर, बिराहिमपुर आंगनबाड़ी केंद्र सहित जनपद के लगभग 2730 आंगनबाड़ी केंद्रों पर मंगलवार को गोद भराई कार्यक्रम आयोजित हुआ। अलीगंज परियोजना की बाल विकास परियोजना अधिकारी सुनीता राय ने गर्भवती संजू वर्मा की गोद भराई की और उपस्थित गर्भवती के परिवार के सदस्य और अन्य महिलाओं को बताया कि गर्भावस्था के दौरान संतुलित एवं पौष्टिक भोजन का सेवन जरूर करें।

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चिकित्सक की सलाह के अनुसार आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की दवा का सेवन जरूर करें। चतुरंगी भोजन यानि पीले, नारंगी, हरे और सफेद रंग के भोजन को अपने भोजन में जरूर शामिल करें यानि दूध या दूध से बने पदार्थ, हरी पत्तेदार सब्जियां, अन्य मौसमी फल और सब्जियां। इसके साथ ही भोजन में चना, गुड़, अंकुरित अनाज, दालें आदि का सेवन नियमित करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आयरन की गोलियों का सेवन रात में सोते समय करें।

जनपद में आयोजित हुआ गोद भराई कार्यक्रम

आयरन और कैल्शियम का सेवन एक साथ न करें। इस बात का प्रयास करें की आयरन की गोलियों को नींबू पानी या आंवले के साथ लें, इससे आयरन का अवशोषण बढ़ता है। कैल्शियम को दूध के साथ लें। दिन में दो घंटे का आराम जरूर करें। अपना नियमित वजन कराएं। इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अपनी कम से कम चार प्रसव पूर्व जाँचें जरूर कराएं इससे आपके खुद के स्वास्थ्य एवं गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में आपको जानकारी मिलेगी।

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गोद भराई के दौरान गर्भवती को पोषण थाली भी दी गई. जिसमें दाल, गुड़, चना, आयरन फॉलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां, मौसमी फल और सब्जियां थीं। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे बताते हैं कि गोद भराई कार्यक्रम सामुदायिक गतिविधि है। इस गतिविधि के तहत यह प्रयास किया जाता है कि पहली तिमाही की गर्भवती की गोद भराई की जाये जिससे की उसे और उसके परिवार के सदस्यों को गर्भावस्था की शुरुआत में ही स्वास्थ्य पोषण और देखभाल के बारे में सलाह दी जाये और वह इसका पालन पूरी गर्भावस्था के दौरान करें।

जनपद में आयोजित हुआ गोद भराई कार्यक्रम

यदि क्षेत्र में कोई पहली तिमाही की गर्भवती नहीं होती है तो दूसरी या तीसरी तिमाही की गर्भवती की गोद भराई की जाती है। इसके साथ ही उसे पोषण थाली भी दी जाती है जिसमें आयरन फॉलिक एसिड और कॅल्शियम की गोलियां, चार रंग के मौसमी फल और सब्जियां, गुड़, चना, दालें आदि होती है और गर्भवती को इन सभी का सेवन करने की सलाह दी जाती जाती है।

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यह गतिविधि इस माह और महत्वपूर्ण है क्योंकि जनपद में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एक कदम सुपोषण की ओर अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें गर्भवती का वजन और लंबाई नापकर कुपोषित गर्भवती की पहचान कर उसका प्रबंधन सुनिश्चित किया जा रहा है। जनपद में मंगलवार को लगभग 2,000 गर्भवतियों की गोद भराई हुई। इस मौके पर सुपरवाइजर रेखा वर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किरनलता, आंगनबाड़ी सहायिका क्षमा शर्मा और लाभार्थी उपस्थित रहे।

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