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‘जमानत याचिका को दो हफ्ते में निपटाएं’, गुजरात हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दिए निर्देश

गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य के सभी ट्रायल कोर्ट को कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करें और जमानत याचिका को दो हफ्ते के भीतर और अंतरिम जमानत याचिका को छह हफ्ते के भीतर निपटाएं। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनुरुधा मेयी की पीठ ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करें ट्रायल कोर्ट
दरअसल भावेश राबरी ने जमानत याचिका पर सुनवाई में हो रही देरी के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र अंतिल मामले में जो निर्देश दिए थे, उनका पालन किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गुजरात दंगों के मामले में जमानत याचिका लंबे समय से गुजरात हाईकोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने भी गुजरात हाईकोर्ट से तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई में हो रही देरी पर सवाल उठाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर किसी विशेष प्रावधान या अन्य याचिकाओं का अपवाद न रहे तो जमानत याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते में और अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई छह हफ्ते में निपटाई जानी चाहिए। पीठ ने कहा जमानत याचिका स्वीकार करने और फिर उसी तारीख पर मामले की मेरिट पर विचार किए बिना उसे अंतिम सुनवाई के लिए हफ्तों के लिए स्थगित करने की प्रथा पर रोक लगाने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने कहा किसी भी मामले में सब कुछ मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश के विवेक पर निर्भर करता है। यह जज पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

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