लखनऊ, (दया शंकर चौधरी)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत 2025-26 के बजट में पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि यह बजट समाज के हर तबके के समावेशी विकास को समर्पित है। सरकार ने पिछड़े वर्ग के छात्रों, निर्धन परिवारों, बेरोजगार युवाओं और दिव्यांगजनों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, जो उनके जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होंगी।
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पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत 2825 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। निर्धन परिवारों की बेटियों के विवाह अनुदान योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बेरोजगार युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 35 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
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दिव्यांगजन सशक्तिकरण के तहत भरण-पोषण अनुदान योजना में 1424 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को कृत्रिम श्रवण सहायक यंत्र आदि प्रदान करने के लिए 35 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। असहाय दिव्यांग व्यक्तियों के इलाज हेतु अनुदान योजना के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा, 3 से 7 वर्ष के श्रवणबाधित, मानसिक मंदित और दृष्टिबाधित बच्चों के लिए 18 मंडलों में बचपन डे केयर सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, ताकि उनकी प्रारंभिक शिक्षा और देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि यह बजट समाज के सभी वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। सरकार की प्रतिबद्धता है कि हर जरूरतमंद तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और उनका सामाजिक-आर्थिक उत्थान हो।