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‘लाड़की बहिन’ को लेकर दावा, वित्तीय सहायता योजना से मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं को मिल रहा लाभ

मुंबई:  महायुति सरकार की महाराष्ट्र में दोबारा वापसी कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाली योजना मानी जा रही ‘मुख्यमंत्री लाड़की बहिन योजना’ को लेकर एक रिपोर्ट में बड़ा दावा किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार की ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ के लाभार्थियों में से 83 प्रतिशत विवाहित महिलाएं हैं। यह योजना, जिसे नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला माना जाता है, 21 से 65 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करती है जो विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्त या निराश्रित हैं और जिनके परिवार की आय 2,50,000 रुपये प्रति वर्ष से कम है।

‘लड़की बहिन योजना’ के 2.5 करोड़ लाभार्थी
इस योजना के अब तक लगभग 2.5 करोड़ लाभार्थी हैं, हालांकि सरकार अब उन लोगों को बाहर करने के लिए जांच कर रही है जो अपात्र हैं। यह लाभ प्रति परिवार एक अविवाहित महिला को भी प्रदान किया जाता है। गुरुवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आंकड़ों से पता चलता है कि विवाहित महिलाओं की संख्या 83 प्रतिशत है, जबकि अविवाहित महिलाओं की संख्या 11.8 प्रतिशत है। विधवाओं की संख्या 4.7 प्रतिशत है, जबकि ‘तलाकशुदा, निराश्रित या परित्यक्त’ महिलाओं की संख्या सामूहिक रूप से 1 प्रतिशत से भी कम है। तलाकशुदा महिलाओं की संख्या 0.3 प्रतिशत, परित्यक्त महिलाओं की संख्या 0.2 प्रतिशत और निराश्रित महिलाओं की संख्या 0.1 प्रतिशत है।

सबसे अधिक 29 प्रतिशत लाभार्थी 30-39 आयु वर्ग से हैं, इसके बाद 25.5 प्रतिशत 21-29 आयु वर्ग से और 23.6 प्रतिशत 40-49 आयु वर्ग से हैं। 60 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं की संख्या केवल पांच प्रतिशत है। पुणे जिले में इस योजना के लिए सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, इसके बाद नासिक और अहमदनगर का स्थान है। दूसरी ओर, सिंधुदुर्ग और गढ़चिरौली जिलों में सबसे कम आवेदन आए हैं।

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