भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आईपीएल टीमों से वर्कलोड मैनेजमेंट पर बात करने की बात कहते हुए इस बात का निर्णय खिलाड़ियों पर ही छोड़ दिया है कि वो खुद ही निर्णय करें कि उनके लिए IPL अहम है या वर्ल्ड कप? सीओए प्रमुख विनोद राय ने सोमवार को एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा, कि “BCCI इस मुद्दे को देख रहा है और फ्रेंचाइजी से सही समय पर टीम के शेड्यूल को लेकर बात होगी। उन्होंने कहा कि हमारी टीम है, जो इस पूरे मामले में निगाह रखे हुए है।”
कोहली ने खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट की बात
ज्ञात हो कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने अक्टूबर-2018 में वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान वनडे विश्व कप को ध्यान में रखते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट की बात कही थी। यह मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा क्रिकेट बोर्ड के कामकाज की निगरानी के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (COA) और टीम प्रबंधन के बीच हैदराबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ अक्टूबर 2018 में हुए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान हुई बैठक में उठा था। हालांकि इस मामले पर उस समय कोई साफ राय नहीं बनी थी।
क्या देश को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए?
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी से कहा कि इस मुद्दे पर साफ नीति की जरूरत है। उन्होंने कहा, “एक खिलाड़ी को पांच-सात करोड़ रुपये मिलते हैं। वे आपके मुख्य खिलाड़ी होते हैं और अपना वर्कलोड जानते हैं। क्या यह उनका कर्तव्य नहीं है कि वे खुद इसकी जिम्मेदारी लें और फैसला करें कि क्लब पहले आता है या देश। अगर ज्यादा काम (वर्कलोड) की बात सही है और अगर काम ज्यादा है तो क्या उन्हें देश को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए?”
आईपीएल शेप में आने का सही मंच – धोनी
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में कहा था कि वह ऐसी कोई वजह नहीं पाते कि खिलाड़ियों को आईपीएल में नहीं खेलकर आराम दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, “चार ओवर गेंदबाजी करने से आप थकेंगे नहीं। चार ओवर आप को अपना सर्वश्रेष्ठ देने में मदद करेंगे। जब स्किल फैक्टर की बात आती है तो मैं उन्हें उनकी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में देखना चाहता हूं। मुझे हमेशा से लगता है कि आईपीएल शेप में आने का सही मंच है क्योंकि हमारे पास काफी समय होता है।