लाकडाउन के दिनों में टाइम पास करने के लिए लोग ऑनलाइन लूडो या सांप सीढ़ी खेलना काफी पसंद कर रहे हैं, लेकिन ध्यान रहे, लूडो खेलने का चस्का आपको कंगाल बी ही बना सकता है या फिर सलाखों के पीछे भी पहुंचा सकता है। दरअसल, ये पॉपुलर गेम सट्टेबाजी का नया खेल बन गया है। अचानक आपको टेलीग्राम या वॉट्सऐप पर लूडो या सांप सीढ़ी के ग्रुप में एड कर लिया जाता है। आप सोचते हैं कि ये तो खेल का ग्रुप है। खेलने में मजा आएगा। लेकिन सावधान! ये खेल आपको सलाखों के पीछे ले जाने का कारण भी बन सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार देश के कई हिस्सों में ऑनलाइन लूडो और सांप सीढ़ी गैंग सक्रिय हो चुके हैं। ऐसे सट्टेबाजों की तरीका ये है कि पहले ग्रुप एडमिन लोगों को ग्रुप में जोड़ते हैं फिर एक लिंक भेजते हैं। इसके बाद ग्रुप एडमिन एक कोड देता है, जिससे ग्रुप के चार लोग अलग-अलग जगह पर रहकर लूडो खेलते हैं। बाकी लोग शर्त लगाते हैं कि कौन जीतेगा।
इस खेल में जीतने वाले से एडमिन कमीशन लेता है और शर्त में लगे पैसे अलग-अलग लोगों में हार-जीत के हिसाब से बंटते हैं। इसी तरह सांप सीढ़ी का लिंक भी दिया जाता है और जीतने वाले पर शर्त लगाई जाती है। इन गेम्स पर हजारों का सट्टा लगता है।
जाने क्या होती हैं गेम खेलने की शर्तें
1. लूडो यर सांप सीढ़ी ग्रुप में एडमिन का स्पष्ट कर देता है कि विदाउट डिपॉजिट नो गेम।
2. गेम के बीच नेट पैक खत्म हो गया, फोन हैंग हो गया तो पैसे किसी भी कीमत पर वापस नहीं मिलेंगे।
3. हर गेम के बाद बैलेंस पैसा डालना होगा।
4. ग्रुप में गाली देने वाले का बैलेंस जीरो माना जाएगा।
5. मिनिमम 100 रुपये की शर्त तो लगानी ही पड़ेगी।
बता दें कि सट्टेबाजों के ग्रुप में अगर आप फंस गए तो किसी भी समय विवाद की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो सकती है और दुश्मनी भी हो सकती है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में इस तरह का गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ा है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस गैंग को पकड़ने के लिए अपना मुखबिर भी ग्रुप में जोड़ा लेकिन एडमिन को शक हो गया तो कोड हासिल करने में सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद पुलिस ने एडमिन के दो साथियों को ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया और ग्रुप एडमिन समेत दो और लोगों को दबोच लिया।