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किसानों की फसल को बचाने के तकनीकी उपाय पर भाषा विश्वविद्यालय की पहल

लखनऊ। भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनबी सिंह के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में भाषा विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के कंप्यूटर साइंस तथा बायोटेक्नोलॉजी विभाग के छात्रों ने एक एआई एवं सौर्य ऊर्जा पर आधारित उपकरण का प्रोटोटाइप तैयार किया है जो कि किसानों की फसल को कीट पतंगों तथा पशुओं से बचाने का कार्य करेगा।

किसानों की फसल को बचाने के तकनीकी उपाय पर भाषा विश्वविद्यालय की पहल

यह उपकरण खेतों में आने वाले जीवों को बिना छति पहुंचाए अपना कार्य करेगा। इसकी पहुंच खेतों की निर्धारित दूरी तक ही होगी। यह उपकरण अल्ट्रासोनिक तथा इंफ़्रा रेड तरंगों पर आधारित है। इसके डिज़ाइन का पेटेंट भारतीय पेटेंट कार्यालय से ग्रांट हो चुका है।और यह विश्वविद्यालय के नाम से प्रथम पेटेंट है जो पूरी तरह से विश्वविद्यालय में तैयार किया गया है।

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यह कार्य बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सह-आचार्य डॉ ममता शुक्ला के नेतृत्व में कंप्यूटर साइंस विभाग के दीपक मौर्या तथा biotechnology विभाग के सूर्यांश मिश्रा, शाम्भवी मिश्रा, और वैष्णवी मिश्रा के ग्रुप ने तैयार किया है। इसमें विशेष सहयोग संकाय के निदेशक प्रो एसके त्रिवेदी का रहा।

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इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय को कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल द्वारा बधाई दी गयी, क्योंकि अब तक की जानकारी में यह भारत का ऐसा पहला पेटेंट है, जो कि कृतिम बुद्धिमत्ता (A.I.) एवं विभिन्न सेंसर्स द्वारा संचालित होगा।

किसानों की फसल को बचाने के तकनीकी उपाय पर भाषा विश्वविद्यालय की पहल

इससे पशुओं को बिना कोई हानि पहुंचाए उन्हें खेतों से भगाया जा सकेगा। इसी के साथ अनाज रसायन रहित होने की संभावना बढ़ जाएगी जिससे होने वाली कई घातक बीमारियों से भी बचा जा सकेगा। अभी इसका सिर्फ प्रोटोटाइप तैयार हुआ है जिसे भविष्य में प्राप्त निधि अनुसार उपयोग हेतु बढ़ाया तथा बाजार में लाने पर भी कार्य किया जा रहा है।

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