वाराणसी। बीएचयू के 65 हॉस्टलों के 120 से ज्यादा मेस को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) का सर्टिफिकेट मिल गया है। कुल 14 हजार छात्र-छात्राओं को बेहतर भोजन मिलने का दावा किया जा रहा है।
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कला संकाय के लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल (एलबीएस) में मेस की व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया गया है। यहां पर किचन की तीन बार साफ-सफाई, लंच और डिनर के लिए फ्रेश सब्जी का इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रांडेड तेल, मसाले और हल्दी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। पेमेंट एडवांस में लिया जा रहा है। यदि, चावल कच्चा मिला तो पूरे छात्रों की डाइट फ्री कर दी जाएगी।
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बीएचयू के छात्र अधिष्ठाता प्रो एके नेमा ने बताया कि हर मेस महाराज ने एफएसएसएआई से अपना रजिस्ट्रे्शन कराया है। मेस में खासतौर पर खाने की क्वालिटी और हाइजीन को दुरुस्त किया जा रहा है। न्यूट्रिशन के लिए थाली में व्यंजनों की वैराइटी बढ़ाई गई है।
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छात्र ही हैं मेस के मैनेजर: प्रो मिश्रा ने कहा कि हॉस्टल मेंं रहने वाले छात्र को ही मेस का मैनेजर और सदस्य बनाया गया है। हर महीने के 25 दिन में 50 डाइट खाना ही है। इसके लिए तीन हजार रुपये जमा हो जाते हैं। मेस मैनेजर, वार्डेन और एडमिन वार्डेन हर दिन इसका निरीक्षण करते हैं।
किचन में डीप फ्रिजर: मेस मैनेजर ने बताया कि जिस बर्तन में खाना रखकर परोसा जा रहा है, वो स्टेनलेस स्टील के है। पनीर और सब्जियों के लिए एक डीप फ्रिजर भी है। मेस संचालक अनुराग पाठक ने बताया कि मेस और किचन की तीन बार सफाई की जाती है।
मेन्यू में मालपुआ-पनीर मशरूम: रुटीन की डाइट – रोटी, दाल, हरी सब्जी, चावल, सलाद, दही, पापड़। वहीं, अलग-अलग दिनों में पनीर कोफ्ता, छोला-भटूरा, रायता, सत्तू-आलू पराठा, खीर, मशरूम आदि बनाए जाते हैं। रविवार को स्पेशल खाने में पुड़ी, पनीर की सब्जी, पुलाव, मिक्स वेज, दही-बड़ा, मालपुआ और सलाद दिए जाते हैं।