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फायरिंग मामले में बड़ी कार्रवाई, आरोपी प्रॉपर्टी डीलर राजीव राणा का होटल और मकान सील

बरेली:  बरेली में पीलीभीत बाइपास के किनारे प्लॉट पर कब्जे को लेकर हुए बवाल के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने मंगलवार को आरोपी प्रॉपर्टी डीलर राजीव राणा का होटल और एक मकान को सील कर दिया है। प्लॉट पर कब्जे को लेकर जिन बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, वे राजीव राणा के होटल में ही ठहरे थे। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है। मंगलवार को राजीव राणा की होटल सील करने गई। सीओ अनीता चौधरी ने इज्जतनगर इंस्पेक्टर के सामने सिपाहियों की फटकार लगाई। सीओ ने कहा कि तुम्हारी टोपी कहां है। तमाम सिपाही दरोगा इंस्पेक्टर सस्पेंड हो गए हैं। अभी और कुछ भी चाह रहे हो।

यह थी घटना
पीलीभीत बाइपास रोड पर शनिवार को प्लॉट पर कब्जे को लेकर प्रॉपर्टी डीलर राजीव राणा और मार्बल की दुकान के मालिक आदित्य उपाध्याय के गुटों में जमकर संघर्ष हुआ था। घटना में दोनों गुटों की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई। दुकान में जेसीबी से तोड़फोड़ की गई थी। इस पर आदित्य पक्ष ने राजीव गुट की ओर से लाई गईं दो जेसीबी पर तेल डालकर आग लगा दी थी। फायरिंग, तोड़फोड़ और आगजनी से दहशत फैल गई थी। इस प्रकरण में शासन ने रिपोर्ट तलब की थी।

राजीव राणा के होटल में ठहरे थे बदमाश
शासन की सख्ती के बाद संबंधित सभी विभाग अपने-अपने स्तर से जांच में जुट गए हैं। इस मामले में पुलिस कार्रवाई के अलावा बीडीए की भूमिका सबसे अहम है। प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर बवालियों की संपत्तियां खंगाली जा रही हैं। बवाल के मुख्य आरोपी राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय की संपत्तियों पर बीडीए की नजर है। जांच तो कई बिंदुओं पर चल रही है, मगर दो होटल और दो मकान निशाने पर आ गए हैं।

बताया जा रहा है कि इन्हीं होटलों व मकानों में राजीव राणा गुट के बदमाशों की शराब पार्टी और रुकने का इंतजाम होता था। मंगलवार को बीडीए की टीम पुलिस फोर्स के साथ राजीव राणा के होटल सिटी होटल पहुंची और उसे सील कर दिया। राणा के एक मकान पर भी कार्रवाई हुई है।

बेनामी संपत्तियों पर भी कसेगा शिकंजा
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि परिचितों व रिश्तेदारों के नाम दर्ज कई संपत्तियों का संचालन राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय ही कर रहे हैं। ऐसे में अब बीडीए उनसे जुड़े लोगों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की भी जांच कर रहा है। लेखपाल भी इस काम में जुट गए हैं। इसमें एक मकान और खेत सामने आया है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। एक पक्ष ने यह संपत्ति अपने परिचित को दिलाई है और उनका संचालन भी खुद ही कर रहा है। वहीं, आरोपियों ने जमीन कब्जा कर कई कॉलोनियां भी बसाई हैं। इन कॉलोनियों को भी बीडीए ने रडार पर ले लिया है।

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