लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। शुक्रवार शाम 625 बजे बैंकाक से आयी एयर एशिया की एफडी 146 फ्लाइट के 13 यात्री इमीग्रेशन जांच कराये बिना ही बाहर निकल गये।
इनमें एक विदेशी भी था। अफसरों को जब जांच में 13 यात्री कम मिले तो हड़कंप मच गया। पता चला कि रनवे से यात्रियों को बस से लाने वाले ड्राइवर ने टर्मिनल-1 की बजाय टर्मिनल-2 (घरेलू उड़ान) पर उतार दिया। ये 13 यात्री वह थे जिनके पास सिर्फ हैंड बैगेज (अपने साथ रखने वाला बैग) ही था, इसलिये ये तुरन्त बाहर निकल गये। एयर एशिया और सीआईएसएफ के जवानों ने बाहर निकले यात्रियों को ढूंढ़ना शुरू किया।
करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद सभी यात्री बाहर सड़क तक मिल गये। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी को जाने दिया गया। पुलिस, सीआईएसफ के साथ इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। यूपी में ऐसी पहली घटना है। एयरपोर्ट पर विदेशों से आये यात्रियों का इमीग्रेशन और कस्टम चेकिंग जरूरी होती है। बैंकांक से आये यात्रियों का इमीग्रेशन कर रहे कर्मचारी को जब कहा गया कि सारे यात्री जा चुके हैं।
इस बड़ी लापरवाही का असली दोषी कौन है…इसके लिये एयरपोर्ट प्रशासन ने जांच बैठा दी है। पुलिस अधिकारियों ने भी अपने स्तर से पड़ताल शुरू कर दी है। एडीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि सुरक्षा में लापरवाही की बात सामने आने पर पुलिस जांच कर रही है।
फोन से सम्पर्क कर किसी तरह बिना जांच बाहर गये इन 13 यात्रियों को फिर से जांच के लिये एयरपोर्ट बुलाया गया। तीन यात्रियों ने तो लौटने से मना कर दिया। काफी अनुनय-विनय और कुछ सख्ती पर ये यात्री लौटे व इमीग्रेशन जांच करायी।