लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार हिटलर के मंत्री गोएबल्स के रास्ते पर चल रही है और झूठ को सच बनाने का नाटक कर रही है। अभी विगत 13 फरवरी 2020 को महामहिम राज्यपाल महोदया के अभिभाशण में भी कानून का राज स्थापित करने का कपोल कल्पित दावा करने में भाजपा सरकार को जरा भी संकोच नहीं हुआ। हकीकत में भाजपा सरकार के जंगलराज में अपराधी मनमानी कर रहे हैं और सरकार तमाशा देख रही है। महामहिम राज्यपाल जी को इस संबंध में सरकार से अवश्य स्पष्टीकरण लेना चाहिए और झूठा बयान दिलाने के लिए उचित कार्यवाही भी करनी चाहिए।
कैसी विडंबना है कि स्वयं मुख्यमंत्री जी के गृृह जनपद गोरखपुर में सिपाहियों द्वारा एक युवती को धमकाकर गैंगरेप की घटना घटी और बुलंदशहर में एक छात्रा को अगुवाकर उसके साथ गैंगरेप किया गया। सहजनवां में एक शिक्षिका के साथ दुष्कर्म हुआ। मेरठ में एमबीए की एक छात्रा के साथ दुष्कर्म से क्रुद्ध छात्रों ने आईजी को घेरा। अयोध्या में एक नाबालिग से गैंगरेप के बाद उसका वीडियो वायरल होने पर लड़की ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। प्रदेश में बेटियां असुरक्षित हैं, यहां न पुलिस है, न प्रशासन और न ही सरकार।
कानपुर देहात के मंगटा गांव में भाजपा कार्यकताओं ने पुलिस से मिलकर दलितों पर लाठी, डंडे व हथियारों से लैस होकर हमला किया। उनके घरों में आग लगा दी। उसमें 31 दलित घायल हुए। बागपत में दिनदहाड़े एक कालेज प्रबंधक की हत्या हो गयी। गोंडा में दबंगो ने एक महिला का उत्पीड़न करने के साथ उसके पैर काट दिए। उसके परिवार पर भी हमला हुआ। सुल्तानपुर जिले के कड़वार थाना क्षेत्र में पुलिस अभिरक्षा में एक युवक ने मौत को गले लगा लिया।
उन्होंने प्रश्न है कि आखिर कब तक जारी रहेगा ‘हत्या प्रदेश‘ में निर्दोष नागरिकों का उत्पीड़न और महिलाओं तथा बच्चियों के साथ अपहरण, हत्या तथा बलात्कार के कांड? कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब राजधानी लखनऊ सहित विभिन्न जनपदों में घृृणित अपराधिक घटनाएं न घटती हों। होली से पहले ही सत्ता संरक्षित अपराधी खून की होली खेलने में लग गए हैं। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 तथा 1090 बूमेन पावर लाइन की सेवाएं शुरू की थी। इनको भाजपाराज में निष्प्रभावी बना दिया गया। अपनी कारगुजारी दिखाने के लिए भाजपा ने बस एक काम यही किया कि 100 नं0 सेवा को 112 नंबर बना दिया। कानून व्यवस्था संभालना भाजपा सरकार के जब बस में नहीं है तो उसका इस्तीफा देकर हट जाना ही श्रेयस्कर होगा।