लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि Development विकास के नाम पर जीरो होते हुए भी भाजपा झूठ के बल पर हीरों बनने और फरेबी चकाचौंध दिखाने में माहिर है। स्वतंत्रता सेनानी और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की धरती पर प्रधानमंत्री ने अनर्गल प्रलाप में जो दावे किये, जनता उनकी हकीकत से भलीभांति परिचित है।
Development के नाम पर
श्री अखिलेश ने विकास Development के नाम पर किसी झांसे में आनेवाली नहीं है। गठबंधन से प्रधानमंत्री जी किस कदर घबराये हुए हैं यह उनके हावभाव से स्पष्ट था। उनसे पूर्णतया स्तरहीन सम्बोधन की आशा नहीं की जा सकती है, पर जब किसी को अपने पद की गरिमा का ही ख्याल न हो तो क्या कहा जा सकता है?
आज टेलीप्राम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं। सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना हैं जिसकी आड़ में जो भाजपा पांच साल से धोखा दे रही है। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह शब्दों में उलझाना चाहते हैं। यह अर्थ का अनर्थ करना संदर्भ से पलायन करने की साजिश हैं।
पांच साल से बेरोजगारी
पांच साल से बेरोजगारी खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया। भाजपा को आगामी चुनाव में उनके खिलाफ आने वाले नतीजों की खुफिया रिपोर्ट मिल गई है क्या? शायद तभी उसमें इतनी बेचैनी है। आज भाजपा को हर गांव-शहर और दल के अंदर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा का विपक्ष पर लगातार आक्षेप करना उनकी हताशा का परिचायक है।
पांच वर्ष के कार्यकाल में केन्द्र की भाजपा सरकार ने किसानों की सर्वाधिक उपेक्षा की। भाजपा को किसानों से कोई लेना देना नहीं हैं। सन् 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का झांसा अब चलने वाला नहीं है। किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और नहीं गन्ना किसानों को बकाया भुगतान हुआ। कृषि उत्पादों के दाम बढ़ते गए हैं जबकि फसल की लागत भी किसान को नहीं मिली। कर्ज के बोझ तले दबा किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। केन्द्र की भाजपा सरकार के पांच वर्ष और उत्तर प्रदेश को दो वर्षों में भाजपा सरकार ने राज्य को बर्बाद कर दिया है। किसान, नौजवान सहित समाज का हर वर्ग परेशान है। समाज में दहशत और आतंक का माहौल है।