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कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पास सबूत है कि चीन के डराने-धमकाने की वजह से ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने वक्त रहते दुनिया को कोरोना वायरस की चेतावनी जारी नहीं की।

चीन ने धमकी दी थी कि अगर WHO ने जल्दबाजी में कोई अलर्ट जारी नहीं किया तो उसे कोरोना की जांच में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी धमकी के चलते WHO वक्त रहते चेतावनी जारी नहीं कर पाया और उधर चीन महारामारी के नाम पर दुनियाभर के देशों से PPE, मास्क, दस्ताने और अन्य ज़रूरी सामान मंगाकर इकठ्ठा करता रहा।

डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जब तक WHO ने चेतावनी जारी नहीं की तब तक चीन दुनिया भर के देशों से महामारी के नाम पर PPE, मास्क, दस्ताने और अन्य ज़रूरी सामान मंगाकर इकठ्ठा करता रहा। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक जांच रिपोर्ट में बताया है कि इस कोरोना संक्रमण ख़त्म होने के बावजूद भी चीन के पास 2 करोड़ मास्क मौजूद हैं जिन्हें वो अन्य देशों को ऊंचे दामों पर बेच रहा है।

न्यूज़वीक के हाथ CIA की एक जांच रिपोर्ट लगी है। इस रिपोर्ट का नाम UN-China: WHO Mindful But Not Beholden to China है और नाम न बताने कि शर्त दो CIA ऑफिशियल ने इस रिपोर्ट को कन्फर्म किया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक WHO ने कोरोना की जांच में बने रहने के लिए कोरोना से जुड़े खतरों को दुनिया को बताने में देर की। सिर्फ CIA ही नहीं जर्मन इंटेलीजेंस एजेंसी ने भी अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद WHO चीफ टेडरॉस एडनॉम से बातचीत की और उन्हें प्रभावित किया था।

जर्मन ख़ुफ़िया एजेंसी BND के मुताबिक जिनपिंग के कहने पर ही कोरोना के इंसानों से इंसानों में फैलने की बात को 15 दिन तक छिपाया गया। 21 जनवरी को जिनपिंग और टेडरॉस ने मुलाक़ात की थी जबकि ताइवान की लैब ने 10 जनवरी को ही WHO को बता दिया था कि वायरस इंसानों से इंसानों में फ़ैल रहा है।

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