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मां का दूध नवजात के लिए है सर्वश्रेष्ठ, स्तनपान कराने से बच्चे को नहीं होती है ये बीमारियाँ…

शिशु के जीवन के पहले छह महीनों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन विशेष रूप से स्तनपान कराने की सलाह देता है ताकि मां के दूध से बच्चे को कई लाभ मिल सकें। कई शोधों में साबित हुआ है कि मां का दूध नवजात के लिए सर्वश्रेष्ठ है। मां का दूध शत-प्रतिशत सुरक्षित है। स्तनपान से आगे के जीवन में बच्चों को मधुमेह, रक्त कैंसर और उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है।

ड़े डॉ. विशाल मकवाना का कहना है कि मां का दूध वसा, चीनी, पानी और प्रोटीन के संतुलन के साथ बच्चों के लिए बेहद पौष्टिक है। ये सभी पोषक तत्व बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी हैं। साथ ही इसके सेवन से बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। खास बात है कि शिशु को मां के दूध से कोई एलर्जी नहीं होती है।

जुड़े पीडियाट्रिक डॉ. गगन अग्रवाल के मुताबिक कई बार स्तनों में दूध की कमी, किसी चिकित्सीय समस्या के कारण हर महिला बच्चे को सामान्य रूप से स्तनपान नहीं करवा पाती है। ऐसी स्थिति में बच्चे को बोतल का दूध पिलाने का विकल्प है।

बोतल से दूध पिलाने के कुछ फायदे भी हैं, जिसमें पहली बात तो यह है कि स्तनपान कराते समय के दर्द से मुक्ति मिलती है। घर से बाहर मां को स्तनपान कराने में शर्मिंदगी महसूस होती है, लेकिन बोतल के दूध में उन्हें आसानी होती है और बच्चा भी भूखा नहीं रहता है। इसके अलावा बोतल से दूध पिलाते समय बच्चे की सही खुराक के बारे में जानकारी रहती है। बड़ी बात यह है कि घर का कोई भी सदस्य बोतल से बच्चे को दूध पिला सकता है। लेकिन बोतल के दूध के नुकसान भी हैं। सबसे बड़ी बात तो इससे पूर्ण पौष्टिकता नहीं मिल पाती है, क्योंकि मां का दूध ही उचित मात्रा में पौष्टिकता प्रदान करता है। यह आसानी से पच जाता है, लेकिन बोतल से डिब्बे वाले दूध को पीने से बच्चों में मोटापे की समस्या हो सकती है। डिब्बे वाले दूध में मां के दूध की तरह रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाले तत्व नहीं होते हैं।

बोतल के दूध को पीने से यूरीन इन्फेक्शन, दस्त, सीने और कान में इन्फेक्शन की शिकायत हो सकती है। स्तनपान से मां और बच्चे के बीच गहरा रिश्ता पनपता है, लेकिन बोतल के दूध को पिलाने से वह उस तरह के स्नेह का अनुभव नहीं कर पाते हैं। बच्चे को जब भी जरूरत हो तो मां का दूध आसानी से उपलब्ध हो सकता है, लेकिन बोतल का दूध कई तैयारियों के साथ बनता है। साथ ही हाइजीन का बहुत ध्यान रखना होता है। बोतल का दूध पिलाने की सबसे पहली शर्त ही यह है कि हर बार बोतल को पहले गर्म पानी से धोएं।

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