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ललितपुर के पांच गांवों की कुल 1472 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग पार्क का होगा निर्माण

उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक उन्नति को नए आयाम देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए जिन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है उसमें उद्योग प्रमुख है। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रदेश में बुंदेलखंड के ललितपुर में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के विकास पर फोकस कर रही है। उल्लेखनीय है कि ललितपुर के कुल 5 गांवों में 1472 एकड़ में फैले बल्क ड्रग फार्मा पार्क में दो फेज में विकास का खाका खींचा गया है। ऐसे में, उत्तर प्रदेश में औद्योगिक परिवेश को बदलने, देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश की धाक जमाने के साथ ही जेनरिक दवाओं के उत्पादन हब के तौर पर ललितपुर के विकास का रास्ता साफ हो गया है। सीएम योगी की मंशा अनुसार, परियोजना के अंतर्गत फेज-1 में 300 एकड़ भूमि के डीटेल्ड मास्टर प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराकर विकास कार्यों की शुरुआत की जाएगी। सीएम योगी के दिशा-निर्देशन में बनी विस्तृत कार्ययोजना को धरातल पर उतारने के लिए अब उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने डीटेल्ड मास्टर प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने की प्रारंभ कर दी है।

क्षेत्र के बुनियादी विकास के लिए कई मानकों पर होगा काम
ललितपुर में बल्क ड्रग फार्मा पार्क के विकास के लिए फेज-1 में यूपीसीडा डीटेल्ड मास्टर प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने के लिए कंसल्टेंसी फर्म को कार्य आवंटित करेगा। इस कड़ी में, यूपीसीडा द्वारा नेशनल कॉम्पिटीटिव बिडिंग (एनसीबी) के जरिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) व रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (आरएफक्यू) प्रक्रिया के जरिए आवेदन मांगे हैं। जिन फर्म्स द्वारा कार्य आवंटन के लिए आवेदन किया जाएगा उन्हें तीन स्तरीय निर्धारण प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस निर्धारण प्रक्रिया का पहला फेज प्री बिड, दूसरा फेज फाइनेंशियल व तीसरा फेज टेक्निकल बिड होगा। कार्य प्राप्त करने वाली कंसल्टेंसी फर्म को फेज-1 में 300 के निर्धारित क्षेत्र में अवसंरचनाओं के विकास के लिए डीटेल्ड मास्टर प्लान बनाना होगा। इसके अतिरिक्त, यहां लगने वाले संयंत्रों के उचित संचालन के लिए कई मानकों का निर्धारण भी करना होगा।

भू-तकनीकि आंकलन के साथ ही बाजार की संभावनाओं पर भी रखनी होगी नजर
फार्मा/बल्क पार्कों के प्रमुख पहलुओं को समझने के लिए रिसर्च व सर्वे प्रक्रिया को पूर्ण करने, वाणिज्यिक, सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक सुविधाओं के तहत क्षेत्र का विकास करने, नदियों और ऊंचे तटबंधों पर प्रस्तावित पुलों/राजमार्ग संरचनाओं के लिए भू-तकनीकी व उप-सतह अन्वेषण तथा सॉयल सैंपलिंग जैसी प्रक्रियाओं को पूर्ण करना होगा। इतना ही नहीं, यहां बनने वाले संभावित उत्पादों की विकास संभावनाओं व बाजारों के संदर्भ में मांग का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करना होगा।

भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया पर हो रहा है काम
ललितपुर में ड्रग पार्क के तहत जो भूमि चिह्नित की गई है उसमें में 5 गांवों के अंतर्गत जो 1400 एकड़ की भूमि सम्मिलित है। इसमें से मडावरा तहसील के तहत आने वाले सैदपुर में 426 व गडोलीकलां में 249 एकड़ तथा महरौनी तहसील के तहत आने वाले लरगन में 239, करौंदा में 116 एकड़ व रामपुर में 441 एकड़ चिह्तिन भूमि मुख्य है। ऐसे में, यूपीसीडा द्वारा यहां कुल भूमि सर्वेक्षण में आधुनिक सर्वेक्षण तकनीकों (जैसे डिजिटल टोटल स्टेशन, डीजीपीएस, ड्रोन आदि) का उपयोग करके 1:4000 पैमाने में मानचित्र तैयार कराया जा रहा है। यह सर्वे ऑफ इंडिया के ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिक सर्वे लेवलिंग बेंचमार्क के आधार पर होगी। वहीं, निरीक्षण स्थल पर डीजीपीएस का उपयोग करके ग्राउंड कंट्रोल नेटवर्क की स्थापना समेत तमाम कार्यों की पूर्ति के लिए प्रक्रिया जारी है।

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