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शिवसेना की वर्षों पुरानी परंपरा को दरकिनार कर, आदित्य ठाकरे उतरे चुनावी मैदान में

महराष्ट्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। शिवसेना की युवा सेना के चीफ आदित्य ठाकरे ने इस बार वर्षों पुरानी परंपरा को दरकिनार करते हुए। नामांकन दाखिल कर दिया है। विधानसभा सीट वर्ली में अपने नामांकन से पहले उन्होंने पूरे जोश-खरोश के साथ रोड शो किया। इस बीच शिवसेना के कार्यकर्ताओं में भी भारी उत्साह देखा गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी उन्हें फोन कर जीत का आशीर्वाद दिया।

रैली के दौरान जन सेलाव से मिले भारी समर्थन के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आदित्य ठाकरे को मिले इस समर्थन के लिए जनता का धन्यबाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘जनता की सेवा करना हमारे परिवार की परंपरा है। नई पीढ़ी, नई सोच के साथ आई है और मैं जनता के समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ। मैं वचन देता हूँ कि जनता जब भी बुलाएगी तब आदित्य हाजिर होंगे।’ इसी बीच उन्होंने खुद के चुनावी मैदान में न उतरने के संकेत भी दे दिए।

बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना 1966 में की, लेकिन बड़ी बात ये है कि स्थापना के बाद से कभी भी ठाकरे परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी मैदान में नहीं आया। कभी किसी ने नामांकन नहीं भरा।

ठाकरे परिवार का एक अपबाद हैं उद्धव के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने 2014 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। फिर अचानक उनका ह्रदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने अपना मन बदल लिया। अब सर्वसहमति से ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले आदित्य ऐसे पहले सदस्य बन गए हैं।

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