लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 18वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ में पधारे छः देशों के प्रधानमंत्रियों, पूर्व व वर्तमान राष्ट्रपतियों/राष्ट्राध्यक्षों समेत 56 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविदों ने ‘‘लखनऊ घोषणा पत्र’’ के माध्यम से विश्व के सभी देशों का आह्वान किया है कि भावी पीढ़ी के हित में नई विश्व व्यवस्था बनाने हेतु एकजुट हों। सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चार दिनों तक चले इस महासम्मेलन के अन्तर्गत विश्व की प्रख्यात हस्तियों, न्यायविद्ों व कानूनविद्ों ने गहन चिन्तन, मनन व मन्थन के उपरान्त आज सर्वसम्मति से ‘‘लखनऊ घोषणा पत्र’’ जारी किया। इस घोषणा पत्र में न्यायविदों व कानूनविदों ने ‘प्रभावशाली विश्व व्यवस्था’ की जोरदार वकालत की है जिसमें विश्व सरकार, विश्व संसद, विश्व मुद्रा व विश्व न्यायालय शामिल हो। लखनऊ घोषणा पत्र जारी करने के अवसर पर होटल क्लार्क अवध में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में देश-दुनिया से पधारे इन कानूनविदों ने विस्तार से अपने विचार रखते हुए कहा कि भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य हेतु एक ‘नवीन विश्व व्यवस्था’ के गठन तक हमारा प्रयास निरन्तर जारी रहेगा। इस घोषणा पत्र में विश्व के 56 देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों ने चार दिनों तक चले विचार-मंथन के निष्कर्ष को प्रस्तुत करते हुए विश्व एकता व शान्ति लाने के लिए शीघ्र ठोस कदम उठाने की आवश्यकता जोर दिया जिससे विश्वव्यापी समस्याओं जैसे आतंकवाद, व्यापक संहार करने वाले हथियारों का संपूर्ण जखीरा नष्ट करना, ग्लोबल वार्मिंग और मौसम परिवर्तन आदि पर काबू पाया जा सके ताकि विश्व के ढाई अरब बच्चे व भावी पीढियां शान्ति व सुरक्षा के साथ रह सकें। लखनऊ घोषणा पत्र में व्यक्तियों के आत्म-सम्मान को बढावा दिये जाने, मौलिक मानवीय अधिकारों व स्वतंत्रता को व्यापक बनाने, सभी धर्मो का आदर करने एवं विद्यालयों में शान्ति व एकता की शिक्षा देने के लिए भी कहा गया है। प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विभिन्न देशों से पधारे न्यायविदों ने एक स्वर से कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ द्वारा आयोजित यह मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन एक ऐतिहासिक सम्मेलन है, जिससे आगे की पीढियां अवश्य लाभान्वित होंगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए न्यायविदों ने संकल्प व्यक्त किया कि वे अपने देश जाकर अपनी सरकार के सहयोग से इस मुहिम को आगे बढायेंगे जिससे विश्व के सभी नागरिकों को एक विश्व सरकार, एक विश्व संसद व एक विश्व मुद्रा की सौगात मिल सके और प्रभावशाली विश्व व्यवस्था कायम हो सके।