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क्या ओजोन थेरेपी इम्यूनिटी बनाने और कोरोना से लड़ने में मदद कर सकती है? जानिए विशेषज्ञों की राय

2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस के तेजी से फैलाव ने हमारी जिंदगी को बदल दिया है. संक्रामक बीमारी के प्रभाव को कम करने का वैज्ञानिकों के पास अभी तक मानक इलाज नहीं है, जिसके चलते उन्हें अनथक प्रयास करना पड़ रहा है.

वैज्ञानिक कोविड-19 का प्रभावी तरीके से इलाज के लिए नई और मौजूद दवाइयों को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. ओजोन थेरेपी का मेडिकल क्षेत्र और वर्तमान में विभिन्न बीमारियों के इलाज पर बहुत रिसर्च किया गया है. अब, डॉ मिली शाह और डॉक्टर जिग्नाशा कैप्टन ने ओजोन थेरेपी को इम्यूनिटी बनाने और कोविड-19 से लड़ने में पूरक इलाज पाया है.

ओजोन थेरेपी या ऑक्सीजन थेरेपी किसे कहा जाता है?
ट्र्स्टी बिसलेरी चैरिटेबल ट्रस्ट, ओजोन फोरम ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर मिली शाह का मानना है, “ओजोन थेरेपी किसी बीमारी का इलाज करने का समग्र तरीका है. इसमें सिर्फ प्रभावित क्षेत्र की तुलना में ज्यादा एकीकृत दृष्टिकोण पर फोकस किया जाता है.” उनके मुताबिक, ओजोन थेरेपी प्रवाह को सुधारता है, संक्रमण और दर्द को कम करता है, तेजी से राहत पहुंचाने में मदद करता है.” आगे कहते हैं कि ओजोन के साथ ताजा ऑक्सीजन मिलाकर शरीर को ऊर्जावान बनाने और जोड़ने की दिशा में ऑक्सीजन थेरेपी बुनियाद है. आपको बता दें कि ऑक्सीजन थेरेपी को ओजोन थेरेपी भी कहा जाता है. ओजोन थेरेपी दवा रहित पूरक थेरेपी है जो इन स्थितियों में मदद करती है.

न भरनेवाला घाव और अल्सर, डायबिटीक अल्सर, सर्जिकल घाव का संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया, फंगस और दूसरे रोगाणुओं के कारण पुराना संक्रमण स्किन की स्थितियों जैसे खुजली, संक्रमण, अल्सर कैंसर में सहायक इलाज के तौर पर मददगार आंख, कान, नाक का संक्रमण, साइनस का संक्रमण दिमाग की परेशानी, पार्किन्सन, याद्दाश्त की गड़बड़ी

ओजोन थेरेपी का कोविड-19 में सकारात्मक नतीजा
बिसलेरी इंटरनेशनल ने ओजोन फोरम ऑफ इंडिया के सहयोग से कोविड-19 पर परीक्षण की पहल की. परीक्षण पूरे हो चुके हैं और नतीजे उत्साहजनक साबित हुए. बिसलेरी जागरुकता पैदा करने पर फोकस कर रही है और ओजोन थेरेपी के साथ भारत के स्वास्थ्य में योगदान करने की इच्छुक है. उन्होंने अन्य अस्पताल के साथ गठजोड़ कर कोविड-19 मरीजों के लिए मुफ्त थेरेपी को वितरित करने की इच्छा जताई है.

कोविड-19 महामारी के दौरान, ओजोन फोरम ऑफ इंडिया ने इम्यूनिटी बढ़ानेवाला कार्यक्रम ओजोन थेरेपी की मदद से शुरू किया और करीब 230 कर्मचारियों का लॉकडाउन के दौरान दफ्तर में इलाज किया. परीक्षण के वक्त उन्होंने पुणे में 60 मरीजों की जांच-पड़ताल की. अच्छे नतीजे आने के बाद, उन्होंने 230 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया. मुंबई के परीक्षण में उन्होंने सुरक्षा और असर को 10 फीसद मरीजों पर साबित किया और उसके बाद उन्होंने 400 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया. उसमें डायबिटीज और मोटापा से पीड़ित लोग भी शामिल थे.

 

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