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राष्ट्रीय गौरव के प्रसंग

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
  डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

काशी में नरेंद्र मोदी ने पौराणिक व ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख किया। काशी की महिमा का प्रतिपादन किया। औरंगजेब और सालार मसूद के माध्यम से भारतीय संस्कृति व आस्था के स्थलों पर हमले का प्रसंग उठाया। साथी यह भी कहा कि ऐसे आक्रान्ताओं को जबाब देने के लिए शिवा जी और महाराज सुहेल देव भी आते रहे है। लेकिन नरेंद्र मोदी ने वर्तमान सन्दर्भ में इस कड़ी को आगे नहीं बढ़ाया। इसमें स्वयं नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का नाम उल्लेखनीय है। जब राष्ट्रीय स्वाभिमान के विषयों को साम्प्रदायिक माना गया,जब आस्था के स्थलों को यथास्थिति में ही सदियों तक स्वीकार कर लिया गया। तब नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से राष्ट्रीय स्वाभिमान को स्थापित किया गया।

अयोध्या से काशी तक इसकी अलख दिखाई दे रही है।प्राचीन काल में अनेक प्रजा हितैषी शासक स्थिति के आकलन हेतु भ्रमण पर निकलते थे। काशी की सड़कों पर देर रात इस प्राचीन इतिहास ने अपने को दोहराया। देश के प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पैदल ही भ्रमण के लिए निकल पड़े। उन्होंने काशी में चल रहे व पूर्ण हो चुके विकास कार्यों का अवलोकन किया। यह भ्रमण पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में शामिल नहीं था। नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ रात्रि में तीन चार घण्टे ही विश्राम करते है।

यहां प्रवास के दौरान उनके पास सरकारी फाइलें निपटाने के कार्य नहीं रहा होगा। शायद इसी लिये दोनों ने देर रात विचार विमर्श के बाद पैदल चलने का निर्णय लिया होगा। उन्होंने पैदल चलकर विकास कार्यो और शहर में हुए बदलाव का निकट से अवलोकन किया। दोनों नेता वायुयान से काशी पहुंचे थे।फिर नौका विहार किया। क्रूज पर सवार होकर अनेक घाटों की यात्रा की। गंगा यात्रा में शामिल हुए। रात में पदयात्रा की। अत्यंत व्यस्त कार्यक्रम के भी थकान नहीं थी। अनवरत सेवा का जज्बा इन्हें सक्रिय बनाये रखता है। नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ रवींद्रपुरी कालोनी होते गोदौलिया पहुंचे। यहां प्रोटोकाल को दरकिनार करते हुए पैदल ही दशाश्वमेध की ओर निकल गये।

सड़कों पर प्रधानमंत्री को पैदल चलते देख नागरिक हैरत में पड़ गये। जिन्होंने उन्हें देखा हर हर महोदव के उदघोष से उनका स्वागत किया। मोदी ने भी लोगो का अभिवादन स्वीकार किया। वह ड़ेढ़सीपुल के पास पहुंचे। वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर दीपक अग्रवाल को तलब किया। उनसे विकास कार्यो की जानकारी ली। पूछा कि गोदौलिया में गंगा का जल स्तर कहां तक आता है। कमीश्नर ने विस्तार से और बिंदूवार बीस मिनट तक बताया। प्रधानमंत्री पूरी गंभीरता से उनकी बात सुनते रहे।

कहा कि जनसहयोग से दशाश्वमेध मार्ग समेत पूरे क्षेत्र को और भव्य बनाया जाए। इसी दौरान एक दम्पति को बच्चे के साथ जाता देख प्रधानमंत्री प्रोटोकाल तोड़ कर उनके पास पहुंचे तो दम्पति अचकचा गये। फिर मुस्कराते हुए प्रधानमंत्री का अभिवादन किया तो प्रधानमंत्री ने उनके मासूम बच्चे को दुलारा और प्यार किया। योगी आदित्यनाथ ने भी बच्चे के सिर पर स्नेह से हाथ फेरा। कुछ देर बच्चे को स्नेह देने के बाद प्रधानमंत्री ने उनका हाल-चाल पूछा। कहा कि इतनी रात में घुम रहे है डर नही लगता। इस पर राजस्थान के दम्पति ने कहा कि नही।

इसके पहले नरेन्द्र मोदी फिर दोबारा श्री विश्वनाथ धाम दर्शन पूजन के लिए पहुंचे। बीस मिनट तक दर्शन पूजन के बाद उन्होंने बाबा दरबार की लाइटिंग आदि को निहारा। शहर में हुए बदलाव और बनारस रेलवे स्टेशन को भी देखा। गोदौलिया मैदागिन होते हुए कबीरचौरा से लहुराबीर चौराहे पहुंचे। फिर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के समीप से गुजरी सड़क से होते हुए चौकाघाट लकड़ी मंडी पहुंच गए। जहां से फ्लाइओवर को देखा फिर लहरतारा से मंडुआडीह होते हुए बनारस रेलवे स्टेशन पहुंच गए। स्टेशन परिसर में पैदल चलकर दूसरे प्रवेश द्वार पर लगे रेल इंजन के माडल को देखा। फिर स्टेशन प्लेटफार्म नंबर आठ पर पहुंच गए। कुछ देर प्लेटफार्म पर बीताने के बाद वीआइपी लाउंज के अंदर गए। इस दौरान यात्रियों और स्टाल पर मौजूद दुकानदारों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

नरेन्द्र मोदी की काशी यात्रा व श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण सोशल मीडिया पर भी सर्वाधिक ट्रेडिंग पर रहा। लोकार्पण और इससे जुड़ी तस्वीरें ट्वीट पर सोमवार देर रात तक घंटों ट्रेंड करता रहा।

पूरे देश में सुबह से शाम तक लोकार्पण कार्यक्रम नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा। लोगों ने काशी विश्वनाथ धाम हैशटैग के साथ करीब दस हैशटैग और कीवर्ड का उपयोग किया। काशी विश्वनाथ धाम हैशटैग की नेशनल रैंक वन रही। नेशनल बेस्ट रैंक वन रही। स्टेट रैंक बेस्ट स्टेट रैंक वन है।

ट्वीट की संख्या का विश्व रिकॉर्ड कायम हुआ। विश्व के अन्य देश में रह रहे प्रवासी भारतीयों द्वारा भी इस कार्यक्रम को लाइव देखा गया। एवं सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट एवं ट्वीट किया गया। एक हफ्ता पहले से हैशटैग दिव्य काशी भव्य काशी के साथ काशी विश्वानाथ धाम की प्रतिदिन के निर्माण कार्य,सुबह एवं शाम की सुंदर फोटो और वीडियो,ड्रोन कैमरे से लिए गए फोटो और वीडियो के साथ हैशटैग के साथ प्रयोग कर सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट एवं ट्वीट किया गया। जिससे कार्यक्रम का विश्व के साथ सम्पूर्ण भारत में एक उत्सव के आयोजन जैसा माहौल बन गया।

लोकार्पण के पहले ही सोमवार सुबह से सोशल मीडिया पर ट्रेंड करना शुरू कर दिया था। काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होती रही। साथ ही काशी विश्वनाथ धाम के भव्य और दिव्य रूप की तस्वीरें भी छाई रहीं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हजार वर्षाें से काशी को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। ढाई सौ वर्ष पहले इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बाबा विश्वनाथ की पुनर्स्थापना में महती योगदान दिया। महाराजा रणजीत सिंह ने मन्दिर को स्वर्णमण्डित कराया। ग्वालियर की रानी ने भी मन्दिर में अपना योगदान किया। अब नरेंद्र मोदी द्वारा द्वारा काशी विश्वनाथ धाम का यह भव्य स्वरूप साकार हुआ है। भारतीय संस्कृति एवं परम्परा को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ है।

बाबा विश्वनाथ धाम की पुनर्स्थापना,अयोध्या में भगवान श्रीराम के मन्दिर के निर्माण की प्रगति आदि भारतीय सनातन मूल्यों,सभ्यता और संस्कृति को वैश्विक मंच पर पुनर्स्थापित करने का अभियान है। इस अभियान के अंतर्गत योग की परम्परा तथा कुम्भ को दुनिया की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की भांति दुनिया में प्रतिष्ठित हुआ। इसके पहले नरेंद्र मोदी ने कहा कि संकल्प स्वच्छता सृजन तथा आत्मनिर्भर भारत के लिए निरन्तर प्रयास जारी रखना है। स्वच्छता जीवनशैली होती है,अनुशासन होता है। यह कर्तव्यों की एक बहुत बड़ी श्रृंखला लेकर आती है। गंगा जी की स्वच्छता के लिए उत्तराखण्ड से लेकर बंगाल तक प्रयास चल रहे हैं।

नमामि गंगे अभियान की सफलता के लिए सजग होकर काम करते रहना होगा। चुनौतियों के बीच चालीस से भी ज्यादा यूनीकॉर्न यानी स्टार्ट अप बनाये। एक यूनीकॉर्न करीब सात सात हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। यह पिछले एक डेढ़ साल में बना है। इतने कम समय में यह अभूतपूर्व है। नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी उल्लेख किया। कहा देश में बनी चीजों पर गर्व करना चाहिए। लोकल से वोकल होना होगा।,ऐसी चीजें खरीदनी चाहिये,जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना लगा हो। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान मजबूत होगा।

दो दिवसीय काशी दौरे के अन्तिम दिन प्रधानमंत्री चौबेपुर उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम में आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व संत सदाफल देव महाराज की जेल यात्रा के शताब्दी महोत्सव एवं विहंगम योग संत समाज के वार्षिकोत्सव सहभागी हुए। उन्होंने कहा कि ये संकल्प ऐसे होने चाहिए जिसमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि हो और जिसमें देश के मनोरथ भी शामिल हों। पढ़ें बेटियां बढ़े बेटियां के अभियान को भी सफल बनाना होगा। भारत अद्भुत देश है। यहाँ विपरीत समय मे कोई न कोई संत विभूति धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है। आज़ादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है। जहां आजादी की लड़ाई के साथ धार्मिक चेतना भी साथ चलती रही।

स्वाधीनता संग्राम का इतिहास वैसे नहीं दर्ज किया गया। स्वदेशी के भाव में देश ने अब आत्मनिर्भर भारत मिशन शुरू किया है। आज देश के स्थानीय व्यापार रोजगार को, उत्पादों को ताकत दी जा रही है। लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने गीता जयन्ती का उल्लेख किया। कहा कि आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की युद्ध की भूमि में जब सेनाएँ आमने सामने थीं, मानवता को योग, आध्यात्म और परमार्थ का परम ज्ञान मिला था। गंगा घाटों पर सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप ही विकास हुआ है।

बनारस एक बड़े मेडिकल हब के तौर पर उभर रहा है। छह वर्ष में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है। कोरोना काल में बाबतपुर एयरपोर्ट से तीस लाख लोग आए गए। जीरो बजट पर राष्ट्रीय स्तर पर फॉर्मिंग एक बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के बाद शहर के बरेका गेस्ट हाउस में रात्रि प्रवास कर प्रधानमंत्री दूसरे दिन बरेका प्रशासनिक भवन के कीर्ति कक्ष सभागार में मुख्यमंत्रियों की बैठक ले रहे थे। बैठक में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी विकास कार्यो और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सांसद विधायक और जन प्रतिनिधि लगातार अपने क्षेत्र की जनता के बीच बने रहें। सभी मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के सामने अपने कार्य का प्रेज़ेंटेशन दिया। बैठक में भाजपा शासित उत्तर प्रदेश सहित ग्यारह प्रांतों के मुख्यमंत्रियों व सात उपमुख्यमंत्री शामिल है।

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