दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज यानी शुक्रवार को वकीलों को बड़ा तोहफा देते हुए ‘चीफ मिनिस्टर एडवोकेट वेलफेयर’ योजना को लागू करने के लिए 13 सदस्यों वाली कमेटी का गठन कर दिया है। दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए 50 करोड़ का बजट रखा है।
इस योजना का ऐलान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुछ माह पूर्व किया था। साथ ही इसके लिए 50 करोड़ के बजट का भी ऐलान किया गया था। अब इस बजट को किस प्रकार से और कहां खर्च किया जाए इसका सुझाव भी वकीलों की ओर से ही मांगा जाएगा। इसके लिए 13 वरिष्ठ वकीलों की एक कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएश के अध्यक्ष से लेकर साकेत कोर्ट के वकीलों के प्रमुख को स्थान दिया गया है।
वरिष्ठ वकीलों की ये कमेटी मिलकर तय करेगी की बजट को इस प्रकार के कल्याण कामों में खर्च किया जाएगा। 10 दिन के भीतर कमेटी अपने सुझाव दिल्ली सरकार को देगी। कमेटी के सुझाव के बाद इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी है।
इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये देश की पहली सरकार है जिसने वकीलों के कल्याण के लिए 50 करोड़ तक का बजट दिया है। उन्होंने कहा कि ये योजना भी हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा थी। हमने अपने वादों को पूरा करते हुए इस योजना को शुरू किया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमने रेहड़ी पटरी वालों से लेकर झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों तक सभी की मांगो को पूरा करने का प्रयास किया है।
सीएम केजरीवाल ने कमेटी के संयोजक से लेकर सभी सदस्यों के नाम भी बताए। इस कमेटी के संयोजक वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खुमार खन्ना हैं। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के चेयर मैन के सी मित्तल इस कमेटी के सदस्य होंगे। दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहित माथुर समेत अन्य वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा, रमेश सिंह, राजेश कौशिश, आरके वाधवा, एनसी गुप्ता, हेमंत मेहता, प्रमोद नागर, राकेश चेहर, कमल मेहता, अमिताभ चतुर्वेदी भी इस कमेटी के सदस्य होंगे।