बिधूना/औरैया। लोक सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले राष्ट्रीय संत गाडगे जी महाराज की 146 वीं जन्म जयंती मिष्ठान वितरण कर मनाई। पूर्व प्रशासक बन्टूराव दिवाकर ने लोहिया नगर बिधूना में आयोजित गोष्ठी में सन्त गाडगे के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने अपने जीवन में धार्मिक स्थलों पर धर्मशालाएँ स्थापित की जिससे दीन, दुखी, गरीब बेसहारा लोग छत के नीचे जीवन गुजार सकें।
समाजसेवी कुलदीप कठेरिया ने बताया कि मानवता के महान उपासक संत गाडगे महाराज जी का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेणगांव अंजनगांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम डेबूजी झिंगराजी जानोरकर था।
उन्होंने अपने जीवन में महाराष्ट्र के कोने कोने में धर्मशालाएं, गौशाला, विद्यालय, अस्पताल एवं छात्रावास का निर्माण करवाया और उन्होंने यह पूरा कार्य भीख मांग कर किया इसी से हम उनके त्याग एवं बलिदान को समझ सकते हैं। शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार एवं ब्रजेन्द्र कुमार ने बताया कि आज आवश्यकता है हम लोगों को आने वाली पीढियों को महापुरूषों के बारे में बताएं और हम सबको उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
सभी लोगों ने मिलकर मिष्ठान वितरण किया। इस मौके पर बबलू दिवाकर, रविकान्त शाक्य, वसीम, सोनू यादव, बबलू, धीरज, सुनील कुमार, राज गाँन्धी, राजकुमार वर्मा, करन आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर