राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि कल जामिया में केन्द्र सरकार की सरपरस्ती में हुये गोलीकाण्ड ने 30 जनवरी 1948 के जख्म को ताजा करने का काम किया है क्योंकि सारा देश पूज्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परिनिर्वाण दिवस पर उनको नम आंखों से याद कर रहा था और उसी समय जामिया में केन्द्रीय मंत्री द्वारा दिये गये नारे को चरितार्थ किया जा रहा था।
सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि लगभग 25 दिन पूर्व नकाबपोशों के द्वारा परिसर में घुसकर किया गया छात्र छात्राओं पर हमला ही शर्मनाक था और केन्द्र सरकार का दायित्व था कि नकाबपोशों का पता लगाये और उनके चेहरे को बेनकाब करे परन्तु ऐसा न हो सका और पुलिस की उपस्थिति में गोलीकाण्ड की घटना एक नये रूप में सामने आ गयी। यही कारण है कि आम जनमानस में यह धारणा बनती जा रही है कि इस सब के पीछे केन्द्र सरकार का हाथ हैं।
आष्चर्य है कि देश को सर्वोच्च शिखर की ओर ले जाने में शिक्षा का बड़ा महत्व होता है परन्तु देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शिक्षण व्यवस्था के स्थान पर अराजकता और हिंसा का वातावरण देखने को मिल रहा है। बनारस हिन्दू विवि, अलीगढ़ मुस्लिम विवि और जवाहर लाल नेहरू विवि इसके ज्वलंत उदाहरण हैं।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उप्र की कानून व्यवस्था प्रत्येक मोर्चे पर विफल है। महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार जैसी घटनाओं से प्रदेश का कोई भी जनपद अछूता नहीं है। प्रदेश सरकार के नेतृत्व में केवल हिन्दू एजेन्डे के ही विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है जबकि आम हिन्दू भी अपनी समस्याओं से ग्रस्त है जिसकी ओर सरकार और प्रशासन का कोई भी ध्यान नहीं है। बेरोजगारी चरम पर है और किसान आवारा पशुओं की कृपा के फलस्वरूप भुमखरी और बदहाली के कगार पर हैं लेकिन केन्द्र ओर प्रदेश सरकार वास्तविक मुददों से मुंह मोडकर सिर्फ देश एवं प्रदेश के अलगाववाद वाले एजेन्डे पर ही काम कर रही है।