केंद्र सरकार ने अपने अधिकारियो एवं कर्मचारियों को भारी राहत दी है. दफ्तर के काम से होने वाले टूर और एलटीए की रकम क्लेम करते वक्त अब उनको हवाई जहाज का बोर्डिंग पास देना अनिवार्य नहीं रहा. पहले इस तरह के किसी भी क्लेम के लिए बोर्डिंग पास, जिसमें सिक्योरिटी चेक का स्टांप लगा हो, अकाउंट आफिस में जमा करना होता था.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक आदेश निकाल कर यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी टूर या फिर एलटीए के क्लेम के क्रम में आवेदन के साथ फिजिकल फार्म में बोर्डिंग पास लगाना जरूरी नहीं है. अब कर्मचारी सिर्फ एक सेल्फ डिक्लरेशन सर्टिफिकेट लगा देंगे कि उन्होंने यह यात्रा की है और फार्म में जरूरी जानकारी भर देंगे. बस इसी से काम चल जाएगा.
कंट्रोलिंग आफिसर से कराना होगा साइन
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी (अंडर सेक्रेटरी से नीचे) बोर्डिंग पास नहीं दे पाता है तो इस प्रोफार्मा को भर कर अपने कंट्रोलिंग आफिसर से साइन करा कर जमा करेंगे.
फर्जीवाड़े को नहीं मिलेगा बढ़ावा
अभी तक क्लेम के लिए बोर्डिंग पास जमा करना इसलिए अनिवार्य किया गया था ताकि कोई बिना यात्रा किये क्लेम नहीं ले. कुछ लोग कह रहे हैं कि ऐसा करने से फर्जीवाड़े को बढ़ावा मिलेगा. इस पर वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि इससे फर्जीवाड़े को बढ़ावा नहीं मिलेगा. इस समय तकनीक इतना उन्नत हो गया है कि किसी पीएनआर को वेरीफाई करना बेहद आसान हो गया है. इससे यह पता चल जाएगा फलाने पीएनआर वाले व्यक्ति ने यात्रा की है या नहीं की है.
गलती करने पर जा सकती है नौकरी
उक्त अधिकारी का कहना है कि फर्जी क्लेम लेने वाले की गलती पकड़ी जाती है तो इसमें संबंधित व्यक्ति की नौकरी चली जाती है. इसलिए कुछ हजार रुपये के फर्जीवाड़े के लिए कोई भी व्यक्ति अपनी नौकरी दांव पर नहीं लगाएगा